दिल्ली: तीन हफ़्तों से अनसुनी हो रही अतिथि शिक्षकों की मांग
दिल्ली स्कूली शिक्षकों की लगभग 40 फीसदी आबादी फिलहाल अपनी मांगों को लेकर बीते तीन हफ्तों से सड़कों पर है. साठ साल की उम्र तक नौकरी स्थाई करने और दूसरी मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को अब तक राहत नहीं मिली है.
1 मार्च से 6 मार्च तक 22000 अतिथि शिक्षक अपनी रोजी-रोटी को बचाने के लिए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से गुहार लगा रहे थे. प्रदर्शकारियों के मांग पर कदम उठाते हुए 6 मार्च को मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट की आपात बैठक में इनकी मांगों पर मुहर लगाते हुए 60 साल तक जॉब गारंटी पर नोट तैयार कर दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल को सौंप दिया. उनका कहना था चूंकि दिल्ली में सेवा संबंधित अधिकार उप-राज्यपाल के पास है, इसलिए इस मामले में अंतिम मुहर वहीं लगाएंगे.
इसके बाद प्रदर्शन कर रहे शिक्षक सिसोदिया के घर से उप-राज्यपाल के दफ्तर के बाहर पहुंच गए.
लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से तैयार नोट में कमियों को उजागर करते हुए एलजी ने कहा कि वो इस पर आगे की कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, सरकार के ओर से मिला नोट कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं है और इसलिए वो इसको मंजूरी नहीं दे सकते हैं.
दिल्ली सरकार और एलजी से हाथ लगी निराशा के बाद अतिथि शिक्षक बीजेपी ऑफिस के बाहर पहुंचे. यहां पहुंचे प्रदर्शनकारियों को उम्मीद थी की मामले में केंद्र का हस्तक्षेप उनकी परेशानी दूर करेगा लेकिन अब तक इस मामले में सरकार ने भी सख्ती से कोई कदम नहीं उठाया है.
केंद्र में 60 साल की पॉलिसी (60 साल की उम्र तक नियुक्ति) और दूसरी मांगों के साथ प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को केंद्र की ओर जबानी आश्वासन के इतर अब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है. इन अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो गया था. इसके बाद इस मामले ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया.
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन सदस्य शोएब राणा ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी की है. सरकार की ओर से कोई बातचीत नहीं की जा रही है. बड़ी संख्या में अतिथि अध्यापक सड़क पर हैं. जब तक शिक्षकों के लिए पॉलिसी पास नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
साल 2010 में नियमित शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करना शुरू किया था. करीब नौ साल में अतिथि शिक्षक नियुक्ति की ये प्रक्रिया काफी बड़े स्तर पर अपनाई गई और आज दिल्ली के स्कूलों में करीब 22 हजार अतिथि और करीब 38,926 नियमित शिक्षक हैं. दिल्ली स्कूलो में फिलहाल आधिकारिक तौर पर 66,736 शिक्षक पोस्ट हैं.