वेंटिलेटर पर रखे गए 10 में से 9 मरीजों की मौत : अध्ययन
न्यू यॉर्क में कोविड 19 मरीजों पर हुई एक बड़ी स्टडी में सामने आया कि वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों में करीबन 88 फीसदी की मौत हो गई.
ये स्टडी 2600 लोगों पर की गई, जो अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित हुई है. यूएस में अस्पतालो में भर्ती कोविड 19 मरीजों पर प्रकाशित हुआ अब तक का सबसे बड़ा रिव्यू है.
ये स्टडी नॉर्थवेल हेल्थ सिस्टम का हिस्सा न्यू यॉर्क सिटी और लॉन्ग आईलैंड के 12 अस्पतालों में एक मार्च से 4 अप्रैल को भर्ती हुए कोरोना मरीजों पर किए गए शोध पर आधारित है.
अध्ययन के मुताबिक भर्ती हुए मरीजों में से 12 फीसदी को सांस लेने के दिक्कतों के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया, जिनमें मृत्यु दर बढ़कर 88 फीसदी दर्ज की गई. 65 से अधिक आयु वाले लोगों को वेंटिलेटर पर अधिक रखा गया, जिनमें केवल 3 फीसदी ही संक्रमण से ठीक हो सके.अध्ययन में ये भी सामने आया कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में मृत्यु दर अधिक रही.
हालांकि ब्लूमबर्ग क्विंट की खबर में अध्ययन के संदर्भ में चेतावनी देते हुए लिखा गया है कि ये अंतिम परिणाम नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये अध्ययन केवल ठीक हुए या मृत लोगों पर किया गया लेकिन इसी समय सीमा में भर्ती हुए लोग जिनका इलाज जारी है उन्हें अध्ययन में ध्यान में नहीं रखा गया. खबर में लिखा है कि इस समय सीमा के दौरान इन अस्पतालों में कुल 5,700 मरीज भर्ती हुए जबकि डाटा केवल 2,634 पर उपल्बध है.
अध्ययन में शामिल नॉर्थवेल हेल्थ रिसर्चर्स ने कहा कि वो इस बात पर भी अध्ययन करना चाहते थे कि कैसे कोरोना मरीजों में वेंटिलेकर का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि अध्ययन की प्रकृति के चलते वो इस बात पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाए. इस अध्ययन में पर्यवेक्षण के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की गई है.