कांग्रेस और राकांपा में सभी मुद्दों पर सहमति बनी, शुक्रवार को तय होगी सरकार की पूरी रूपरेखा


All issues agreed on in Congress and NCP, full outline of government will be decided on Friday

 

महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद में जुटी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मैराथन बैठकों के बाद बृहस्पतिवार को सभी मुद्दों पर सहमति बना ली और नई सरकार के गठन एवं इसकी रूपरेखा के बारे में शुक्रवार को घोषणा की जा सकती है.

दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत हो गई है और सहमति भी बन गई है.

चव्हाण के मुताबिक अब दोनों पार्टियां शुक्रवार को मुंबई में समाजवादी पार्टी एवं स्वाभिमानी शेतकारी संगठन जैसे अपने छोटे सहयोगी दलों और शिवसेना के साथ बातचीत करेंगी.

उन्होंने कहा कि कल मुंबई में ही इस बारे में विचार होगा कि नई सरकार का क्या स्वरूप होगा.

सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को ही मुंबई में सरकार गठन तथा इसकी पूरी रूपरेखा के बारे में घोषणा की जा सकती है.

इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे. राकांपा की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल हुए.

इससे पहले कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए आगे बढ़ने को लेकर बृहस्पतिवार को स्वीकृति प्रदान कर दी.

कांग्रेस और राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को भी मैराथन बैठक की थी और इसके बाद एलान किया था कि वे जल्द ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर नई सरकार का गठन करेंगे.

इस बीच, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि इस महीने के आखिर तक महाराष्ट्र को नई सरकार मिलने की पूरी संभावना है.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस-राकांपा के नेता शिवसेना नेताओं के साथ संपर्क में बने हुए थे और साझा न्यूनतम कार्यक्रम लगभग तैयार है.

एक सूत्र ने बताया कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम में किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता मिलने वाली है.

गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है. चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए.

इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल कीं.


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