बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अमित शाह का विवादित बयान


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बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर की गई गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है.

अमित शाह ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले स्वतंत्रता के 70 साल के बाद देश के लोगों को लगने लगा था कि बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था असफल हो गई है. उन्हें शंका होने लगी थी कि क्या देश अपने लक्ष्यों को पा सकेगा? लोग निराश थे.

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने राष्ट्र की प्रगति के लिए कई लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अध्ययन के बाद लोकतंत्र के बहुदलीय प्रणाली को अपनाया था ताकि सभी लोगों को समान अधिकार और समृद्धि मिल सके.

कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में हर दिन भ्रष्टाचार की खबरें आती थीं, बॉर्डर असुरक्षित थे, सैनिक मारे जा रहे थे, महिलाएं असुरक्षित महसूस करती थीं और सड़कों पर लोग प्रदर्शन कर रहे थे.

उन्होंने कहा, “सरकार राजनीतिक रूप से पंगु थी. कोई भी निर्णय नहीं लिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में सभी मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझ रहे थे.

उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार वोट बैंक के बजाय लोगों के फायदे के लिए काम किया है.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में 50 से ज्यादा निर्णय लिए गए हैं जिनमें जीएसटी, नोटबंदी, एयरस्ट्राइक आदि शामिल हैं.


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