लॉकडाउन: 60 प्रतिशत किसानों को उठाना पड़ा नुकसान


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लॉकडाउन की वजह से फसल की कटाई कर लेने के बाद भी लगभग 60 प्रतिशत किसानों को नुकसान सहना पड़ा. यह बात 12 राज्यों में किए गए एक सर्वे में सामने आई है. ज्यादातर किसानों ने ये भी कहा कि लॉकडाउन की वजह से वे अगली पैदावार के लिए भी तैयारी नहीं कर पाए. मजदूरों की हालत तो और खराब है. पांच में से चार मजदूरों के मेहनताने में 76 फीसदी तक की कमी आई है.

यह सर्वे हार्वर्ड यूनिवर्सटी के टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने हैदराबाद के पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया एंड द सेंटर फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर नाम के संस्थान के साथ मिलकर किया. इस सर्वे में मई के पहले पूर्वार्ध में 12 बड़े राज्यों के 200 जिलों में करीब 1,500 कृषि परिवारों से फोन पर बात की गई. यह सर्वे जून और जुलाई में फिर से किया जाएगा.

सर्वे में पता चला कि लगभग 63 प्रतिशत किसानों ने पिछले महीने फसल की कटाई की, वहीं लॉकडाउन सी जुड़ी पाबंदियों की वजह से करीब 10 प्रतिशत किसान कटाई नहीं कर पाए.

पंजाब में काटे गए गेंहू में से 90 प्रतिशत फसल की बिक्री हो गई. वहीं हरियाणा के लिए यह आंकड़ा 60 प्रतिशत रहा. वहीं राजस्थान में किसान 86 प्रतिशत फसल बेच पाए हैं.

सब्जी जैसी फसलें, जो बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं, उनके लिए लॉकडाउन बहुत ही विनाशकारी साबित हुआ. कर्नाटक में ऐसी केवल 40 प्रतिशत फसलों की कटाई हो पाई. उसमें से केवल 60 प्रतिशत की बिक्री हुई. हालांकि, बंगाल में ऐसी 81 प्रतिशत फसलों की कटाई हुई लेकिन उसमें से 20 प्रतिशत से भी कम फसल की बिक्री हो पाई. 12 राज्यों में सब्जियों की 8 प्रतिशत फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई.

वहीं किसानों को आगामी खरीफ सीजन के लिए भी चिंता है. करीब 56 प्रतिशत किसानों ने इस बार में चिंता जताई है. इन किसानों में से आधे किसान बीज और उर्वरक की ऊंची कीमतों को लेकर चिंतित हैं और 40 प्रतिशत किसान मजदूरों की कमी को लेकर चिंतित है.

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