चेन्नई: प्रशासन की असहमति के बावजूद CAA के खिलाफ डटे छात्र


At IIT-Madras students say that we are in complete solidarity with students and we are against caa and nrc

 

बीते सोमवार को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस की बर्बरतापूर्ण रवैया के बाद आईआईटी-मदरास के छात्र-छात्राओं ने संस्थान के अंदर विरोध प्रदर्शन किया. पिछले एक हफ्ते में चेन्नई के अलग-अलग क्षेत्रों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. अलग-अलग कॉलेजों के विद्यार्थि सड़क पर निकलकर इस कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं.

आईआईटी से पीएचडी कर रहे 26 वर्षीय अनिल वर्गीस ने कहा, ‘दिल्ली में जो हुआ उसकी खबर मिलते ही हमने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी. हमें मालूम था कि हमें अपनी एकजुटता दिखानी है.’

आईआईटी-मदरास के ह्यूमैनिटीज पाट्क्रम के छात्र अजहर मुईदीन ने कहा, ‘संस्थान के अंदर प्रशासन मानवाधिकार कार्यकर्ता और विमर्श की भावना को बढ़ने नहीं देती हैं. आपातकाल के दौरान भी आईआटी ने उस तरह से बढ़चढ़ कर हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन चीजें धीरे-धीरे बदल रहीं हैं. आरक्षण मिलने से अलग-अलग आर्थिक और सामाजिक वर्गों के विद्यार्थि यहां आ रहे हैं जिससे की प्रशासन से सवाल पूछने का चलन बढ़ रहा है.’

बीते मंगलवार को लगभग 100 विद्यार्थियों ने सड़क पर निकलकर विरोध किया. इनमें आईआईटी-मदरास के अलाव चेन्नई के कई अन्य कॉलेज भी शामिल थे.

बुधवार को शहर की पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने मिलकर संस्थान के गेट पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा 200 पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे.

पुलिस की इजाजत ना मिलने के बावजूद करीब 2,000 लोग वल्लुवर कोट्टम में जमा हुए. वल्लुरवर कोट्टम वर्ष 1970 में तमिल कवि थिरुवल्लुवर की याद में बनाई गई थी.

एथिराज कॉलेज में इंग्लिश लिटरेचर पढ़ने वाली छात्रा लिजो काव्या ने कहा, ‘यह कानून देश के धर्मनिरपेक्षता को बर्बाद कर देगा. अगर सरकार आज मुस्लिमों के साथ भेदभाव कर रही है तो कल यह दूसरी अल्पसंख्यकों के साथ भी करेगी.’

काव्या की सहपाठी हरिनि जेटी ने कहा कि उनके ज्यादातर सहपाठी इस कानून के खिलाफ हैं.

पुलिस के रोके जाने के बावजूद परिसर के अंदर से ही छात्र-छात्राओं ने छात्र एकता और हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्ष में नारे लगाए.

नाम न बताने के शर्त पर एक पुलिस ने बताया, ‘विरोध की इजाजत नहीं मिली है फिर भी यह लोग विरोध कर रहे हैं. इससे इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. हम वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.’

चेन्नई शहर के पुलिस कमिश्नर एके विश्वनाथन ने कहा कि, ‘हमने विरोध करने के लिए इजाजत नहीं दी थी. लेकिन जब बड़ी संख्या में लोग विरोध करने के लिए जमा हुए तो हमने उनके भावनाओं का ख्याल करते हुए उन्हें वहां से नहीं भगाया. हमने लोगों को विरोध करने दिया.’

विश्वनाथन ने अखबार मिंट को बताया, ‘शुक्रवार को चेन्नई पुलिस ने 41 संगठनों के 600 सदस्यों को हिरासत में लिया. वे बिना इजाजत लिए विरोध के लिए जमा हुए थे. सभी गिरफ्तारियां संगठनों के पदाधिकारियों के खिलाफ हुई हैं.’

कमिश्नर ने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि उन्होंने अभिनेता सिद्धार्थ, कार्नाटिक गायक टीएम कृष्णा और लोकसभा सांसद थोल थिरुमावलावन की गिरफ्तारी नहीं की है.

मंगलवार को मरीना बीच से मदरास विश्वविद्यालय तक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद से पूरे चेन्नई में बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है.

 


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