मुद्रा योजना में एनपीए 126 फीसदी बढ़ा
30 सितंबर 2019 से 31 मार्च 2019 के बीच प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) में किशोर श्रेणी में बैड लोन की संख्या में 107 फीसदी और मूल्य में 71 फीसदी की वृद्धि आई है. आरटीआई के तहत मिले जवाब के अनुसार मुद्रा योजना में फंसा कर्ज वित्त वर्ष 2018- 19 में 126 प्रतिशत बढ़कर 16,481.45 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले साल यह राशि 7,277.31 करोड़ रुपये रही थी.
योजना के तहत तीन श्रेणियों में ऋण दिया जाता है. किशोर श्रेणी में 50 हजार से पांच लाख तक का लोन दिया जाता है.
योजना के तहत शिशु श्रेणी के तहत 50 हजार तक और तरुण श्रेणी के तहत पांच लाख से 10 लाख तक का लोन दिया जाता है.
आरटीआई के जरिए 30 सितंबर तक के 12 बैंकों के आंकड़े सामने आए हैं. योजना के तहत कुल ऋण की तुलना में किशोर श्रेणी के तहत 30 फीसदी लोन दिए गए. इनका मूल्य कुल ऋण की तुलना में 43 फीसदी रहा.
इन 12 बैंकों के आंकड़ों से पता चलता है कि तरुण श्रेणी के तहत एनपीए में केवल छह महीने में 45 फीसदी की तेज बढ़ोतरी हुई. जो इस साल मार्च में 2,353 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,425 करोड़ रुपये हो गया.
मंगलवार को आरबीआई डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने योजना के तहत बढ़ रहे बैड लोन को लेकर चिंता जाहिर की.
जैन ने सूक्ष्म वित्त पर आयोजित सिडबी के एक कार्यक्रम में कहा, ”मुद्रा कर्ज पर नजर रखने की जरूरत है. जहां एक तरफ इस पहल से कई लाभार्थियों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली है वहीं इनमें कुछ कर्जदारों में गैर- निष्पादित राशि (एनपीए) के बढ़ते स्तर को लेकर चिंता बढ़ी है.”
उन्होंने कहा कि बैंकों को ऐसे कर्ज देते समय आवेदन पत्रों की जांच परख करने के स्तर पर ही लेनदार की भुगतान क्षमता का बेहतर तरीके से आकलन कर लेना चाहिए. ऐसे कर्ज की अधिक नजदीकी के साथ निगरानी होनी चाहिए.
मार्च से सितंबर के बीच योजना की शिशु श्रेणी के तहत एनपीए में 17 फीसदी की बढ़ोतरी आई.
आरटीआई के तहत जानकारी देने वाले 12 बैंकों में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, आईडीबीआई बैंग, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब और सिंदी बैंक, सेंटर्ल बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं.