हड़ताल और छुट्टी के चलते चार दिन बैंक बंद, क्या होगा इसका असर?
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों के चार श्रमिक संगठनों ने 26 सितंबर से दो दिन की हड़ताल पर जाने की एलान किया है. बैंक कर्मचारियों ने 10 सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की पहल के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है.
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने बैंक से कहा कि ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआआईबीओए), इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स (एनओबीओ) ने 26-27 सितंबर 2019 को बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय हड़ताल का आह्वान किया है.
आरबीआई नियमों के अनुसार, बैंक महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं. 26 सितंबर को गुरुवार है, ऐसे में बैंक हड़ताल और छुट्टियां मिलाकर बैंक कुल चार दिन बंद रहेंगे. जिसके चलते बैंकों के जरिए होने वाली तमाम सेवाएं रद्द रहेंगी.
ऐसे में आप पैसे जमा करने और निकलाने का काम नहीं कर सकेंगे. साथ ही चेक क्लीयर होने में भी अधिक समय लगेगा.
एसबीआई ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘बैंक ने अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं. लेकिन हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित होने की आशंका है.’’
पैसा बाजार डॉट कॉम के सह-संस्थापक और सीईओ नवीन कुकरेजा ने कहा, “चार दिन तक बैंक बंद रहने के कारण चेक क्लीयर नहीं होंगे, डीडी/ पीओ जारी नहीं हो सकेंगे, पैसे जमा कराने और निकलाने समेत बैंक से होने वाले अन्य काम भी नहीं हो सकेंगे. लोग बैंक हड़ताल से पहले ही अपने काम निपटाने लें तो बेहतर होगा.”
हालांकि बैंकिंग उपभोक्ता नेट बैंकिंग की सहायता से अन्य काम सुचारू रूप से कर सकेंगे.
कुकरेजा ने आगे कहा, “अपने ही बैंक या अन्य बैंकों में ट्रांसफर के लिए डिजिटल ट्रांजेक्शन का सहारा लें. आरटीजीएस/एनईएफटी/आईएमपीएस/यूपीआई ट्रांसफर की सेवाएं भी प्रभावित होंगी.”
2017 के बाद से ये तीसरी बार है जब सार्वजनिक बैंकों का विलय हुआ है. पहले एसबीआई और भारतीय महिला बैंक के सहायक पांच बैंकों का एसबीआई में विलय हुआ. इसके अलावा एक अप्रैल से विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया.
इन विलय के विरोध में भी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल देखने को मिली थी.जनवरी 2019 को ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि दो दिन तक चली हड़ताल के चलते 20 हजार करोड़ के चेक क्लीयर नहीं हुए थे.
बैंकों के विलय के एलान के बाद संगठनों ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को लिखे पत्र में कहा, “बैंकों के विलय के सरकार के फैसले का हम विरोध करते हैं. दो बैलेंस शीट को जोड़ देने भर से तैयार बैंलेंस शीट मजबूत नहीं हो जाएगी.”
इसके साथ ही श्रमिक संगठनों ने नवबंर के दूसरे हफ्ते से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने की भी चेतावनी दी है. संघ को लिखे पत्र में संगठनों ने कुल नौ मांगे रखी हैं. जिसमें वेतन में संशोधन और हफ्ते में पांच दिन काम जैसी मांगे शामिल हैं.