बीजिंग तैयार है दूसरे बेल्ट एंड रोड सम्मेलन के लिए
एरियल शॉट में ये तस्वीरें बीजिंग शहर के यांकी लेक और सनराइज इस्ट केम्पिंस्की होटल की है. यह झील अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के लिए खास तौर पर जाना जाता है. इसके ठीक उत्तर में चीन की महान दीवार सदियों से कायम है.
बेल्ट एंड रोड सम्मेलन की तैयारियों के बीच केम्पिंस्की होटल का एक दृश्य.
25 अप्रैल से शुरू हो रहा यह तीन दिवसीय सम्मेलन आर्थिक क्षेत्र में चीन की विदेश नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसकी पहली बैठक मई 2017 में हुई थी. हालांकि इसकी तैयारी 2013 से ही शुरू हो चुकी थी.
चीन का कहना है कि इस बैठक में 40 राष्ट्र प्रमुख और 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. पिछले दफा भी इसमें 29 देशों के प्रमुख के प्रमुख ने हिस्सेदारी दर्ज की थी. पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और मालदीव ने भी शामिल होने की सहमति दी है. यह चीन की कूटनीतिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं भारत लगातार दूसरी दफा इसके विरोध में है.
चीन इस सम्मेलन के तहत ‘वन बेल्ट, वन रोड’ परियोजना को अंजाम देना चाहता है. इसका मकसद आर्थिक गलियारों का जाल बिछाना है.
एशियाई, यूरोप और अफ्रीकी देशों के साथ सड़क मार्ग, रेल मार्ग, गैस पाइप लाइन और बंदरगाह से जुड़ने के लिए सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट और मैरीटाइम सिल्क रोड परियोजना भी शुरू की है.
इसके पीछे चीन का तर्क आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था के संकट से निपटना है, जबकि भारत इसे संप्रभुता के खिलाफ मानता आ रहा है.
भारत के अलावा अमेरिका और जापान जैसे देशों ने भी इस सम्मेलन का विरोध किया है. अमेरिका का कहना है कि यह परियोजना जिस किसी भी देश से गुजरेगी उसके लिए आर्थिक फायदा कम और खतरा ज्यादा होगा.
चीन की महत्वकांक्षी योजना ‘वन बेल्ट, वन रोड’ के तहत छः गलियारे बनाने की योजना है. इनमें से कई पर काम शुरू हो चुका है. इसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाला गलियारा भी शामिल है.
इस तस्वीर में दिख रहा रौशनी में सरोबार बीजिंग शहर.