सैंडर्स की जलवायु परिवर्तन से लड़ने की 16 खरब डॉलर की योजना
बर्नी सैंडर्स ने जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना करने के लिए 16.3 खरब डॉलर की महत्वकांक्षी योजना पेश की है. साथ ही सैंडर्स ने चेताया है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अगर तुरंत कुछ नहीं किया गया तो इस सदी के अंत तक अमेरिका में आर्थिक गतिविधियों को 34.5 खरब डॉलर का नुकसान होगा.
बर्नी सैंडर्स लंबे समय से जलवायु परिवर्तन की बात करते रहे हैं और वे अलेक्जेंड्रिया ओकाजियो कॉर्टेज के साथ मिलकर ग्रीन न्यू डील पेश कर चुके हैं.
सैंडर्स के अलावा दूसरे डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों ने भी जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए अपनी-अपनी योजनाएं पेश की हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि सैंडर्स की योजना सर्वाधिक आक्रामक है.
सैंडर्स 2050 तर अमेरिका का कार्बन उत्सर्जन शून्य करना चाहते हैं. वे 2030 तक परिवहन और बिजली के लिए 100 प्रतिशत नवीनीकरण ऊर्जा का प्रयोग करना चाहते हैं.
वहीं अगर दूसरे डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों पर नजर डालें तो जो बाइडेन 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लिए 1.7 खरब डॉलर खर्च करने का प्रस्ताव रखा है. एलिजाबेथ वारेन ने 2 खरब डॉलर की ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग योजना को पेश किया है. इस योजना के तहत नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ क्लीन एनर्जी को स्थापित किया जाएगा और नवीनीकरण ऊर्जा उद्योग क्षेत्र में निवेश किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि सैंडर्स की यह योजना देश की 1940 जैसी स्थिति को मद्देनजर रखते हुए बनाई गई है. 1940 में अमेरिका आर्थिक संकट से जूझ रहा था और फासीवाद को हराने के लिए उसके सामने अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करके युद्ध जीतने की चुनौती थी. तब तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने न्यू डील की घोषणा की थी.
सैंडर्स का कहना है कि 15 सालों तक इस योजना में किसी अतिरिक्त खर्च की जरूरत नहीं होगी. सैंडर्स का कहना है कि जीवाश्म ईंधन उद्योग द्वारा फैलाए जाने वाले प्रदूषण पर कर लगेगा और कड़े कानून बनाए जाएंगे.
सैंडर्स कहते हैं कि इस योजना के तहत वे 2030 तक घरेलू उत्सर्जन में 71 प्रतिशत और गैर-चीन दक्षिण हिस्से में 36 प्रतिशत तक कमी लाएंगे.
उन्होंने बताया कि वे इस क्षेत्र में 2 करोड़ नए रोजगारों का सृजन करेंगे, जलवायु परिवर्तन को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करेंगे और ग्रीन क्लाइमेट फंड में 200 अरब डॉलर की योगदान देंगे.