रिलायंस नहीं दे रहा बीएसएनएल के 700 करोड़
निजी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस पर सरकारी कंपनी बीएसएनएल के 700 करोड़ रुपये उधार हैं. लेकिन रिलायंस उसे चुकाने के लिए कुछ नहीं कर रहा. खबरों के मुताबिक बीएसएनएल अब इसे वापस लेने के लिए कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है.
बीएसएनएल इस समय गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. संकट इस कदर गहरा चुका है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पा रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीएसएनएल कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाएगी.
उधर कर्ज तले दबी रिलायंस पहले ही न्यायाधिकरण में अर्जी देकर खुद को दिवालिया घोषित करने की गुजारिश कर चुकी है. रिलायंस ने इसके लिए दलील दी थी कि उसे दिवालिया घोषित होने के बाद संपत्ति बेचने में मदद मिलेगी.
कंपनी ने एनसीएलएटी से गुहार लगाई थी कि एसबीआई के नेतृत्व वाले 37 ऋणदाताओं को 260 करोड़ रुपये सीधे एरिक्सन को जारी करने के निर्देश दिए जाएं. हालांकि, ऋणदाताओं ने इस याचिका का विरोध किया.
हालांकि बीएसएनएल भुगतान में चूक के लिए आरकॉम की जमा की गई करीब 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को पहले ही भुना चुकी है. बकाए की वसूली के लिए आरकॉम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्णय बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने चार जनवरी को लिया था.
बीएसएनएल ने इस मामले के लिए सिंह एंड कोहली लॉ फर्म को जोड़ा है. सभी सर्कल कार्यालयों से चालान जमा करने के कारण मामला दाखिल में देरी हुई है.
आरकॉम को एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये का भुगतान करने में दिक्कत सामना करना पड़ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को भुगतान करने के लिए 19 मार्च तक का समय दिया है. यदि कंपनी ऐसा करने में विफल रहती है, तो अनिल अंबानी को तीन महीने की जेल हो सकती है. आरकॉम पहले ही एरिक्सन को 118 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है.