हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को दबाने के लिए चीन ने सेना तैनात करने की चेतावनी दी
चीन की सेना ने हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में और चीन को प्रत्यर्पण करने वाले विधेयक के विरोध में प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि स्थानीय सरकार के आग्रह पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वह वहां अपने सैनिकों को तैनात कर सकती है.
स्थानीय सरकार द्वारा चीन को प्रत्यर्पण की मंजूरी देने की योजना के खिलाफ हांगकांग में हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है और सरकार की इस व्यवस्था के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक अभी हांगकांग की एक छावनी में तैनात हैं.
चीनी सैनिकों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू छियान ने बुधवार को मीडिया से कहा कि अगर स्थानीय सरकार आग्रह करती है तो छावनी में रह रहे पीएलए के सैनिकों को हांगकांग में तैनात किया जा सकता है.
वू ने कहा, “हांगकांग में जो भी हो रहा है उसपर हम नजर रखे हुए हैं. खास तौर से 21 जुलाई को केंद्रीय सरकार के जनसंपर्क कार्यालय पर हुए कट्टरपंथियों के हिंसक हमले पर भी हमारी पैनी नजर है.”
प्रवक्ता ने कहा, “कट्टरपंथी प्रदर्शनकारियों का कुछ व्यवहार केंद्र सरकार के अधिकार को चुनौती दे रहा है, जो एक देश और दो प्रणाली की तरह है जो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
यह पूछे जाने पर कि पीएलए के सैनिक शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने में शामिल हो सकते हैं, वू ने कहा, “छावनी कानून की धारा 14 में स्पष्ट व्यवस्था है.” हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ भी नहीं बताया.
इससे पहले मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने आरोप लगाया कि हांगकांग के विरोध प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका और ब्रिटेन है.