सबसे निचले स्तर पर पहुंचा सरकार और उद्योग क्षेत्र के बीच का विश्वास: सीआईआई


Confidence between the government and industry reached the lowest level: CII

 

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नए बने अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कहा है कि सरकार और उद्योग क्षेत्र के बीच का विश्वास सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने कहा कि वह इस विश्वास को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “हमें उद्योग क्षेत्र, सरकार और समाज के बीच के आपसी विश्वास और सम्मान को बढ़ाने की जरूरत है.”

उन्होंने कहा, “हो सकता है कि उद्योग क्षेत्र और सरकार के बीच आपसी विश्वास सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया हो और इसकी वजह से शायद हद से ज्यादा नियमन लगाए गए हैं. उन्होंने जीडीपी में एक से दो फीसदी कमी रहने की आशंका जताई है.

सीआईआई ने कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है. उद्योग मंडल का कहना है कि कॉरपोरेट कर की दर को घटाने के साथ सभी कर छूटों को समाप्त करने से सरकारी खजाने को राजस्व का किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.

सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में कहा कि हम कर में कटौती चाहते हैं, साथ ही छूटों को समाप्ति चाहते हैं. हम काफी सरल कर संहिता के पक्ष में हैं.

किर्लोस्कर ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि यदि कॉरपोरेट कर को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए और छूट या कर मुक्तता को शून्य पर लाया जाए, तो राजस्व की दृष्टि से तटस्थ होगा. हम इस तरह की दिशा में जाना चाहेंगे.’’

किर्लोस्कर ने कहा कि सरकार को निवेश और वृद्धि को प्रोत्साहन के उपाय भी करने चाहिए. 2018-19 में वृद्धि दर घटकर पांच साल के निचले स्तर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है.

उन्होंने कहा कि निवेश बढ़ाने के लिए सरकार को भू सुधार और श्रम कानूनों में सुधार करना होगा.

भारतीय उद्योग ने 11 जून को वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि आगामी बजट में कॉरपोरेट कर की दर को कम किया जाए, लाभांश वितरण कर की दर को 20 से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए और न्यूनतम वैकल्पिक कर को समाप्त किया जाए ताकि अर्थव्यवस्था में फैल रही नरमी से निपटा जा सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 18 प्रतिशत करने और लाभांश वितरण कर को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की मांग की है.

एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने नए निवेश पर पहले साल शत प्रतिशत मूल्यह्वास की छूट दिए जाने की मांग की. उन्होंने ने जीएसटी को सरल करने के लिए सिर्फ दो दरें (8 व 16 प्रतिशत) रखे जाने का सुझाव दिया है.

फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने मांग की है कि 20 लाख रुपये से ऊपर की आय वालों पर ही सिर्फ 30 प्रतिशत कर की दरें लागू होनी चाहिए. इसने कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 फीसदी करने की भी मांग की है.


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