चक्रवात ‘बुलबुल’: पश्चिम बंगाल में 10 लोगों की मौत, 2.73 लाख परिवार प्रभावित
चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में दस्तक दे चुका है. 10 नवंबर की सुबह तक तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों और राज्य के तटीय जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और शहर में तथा उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में बिजली के तार टूट गये, जिससे जनजीवन थम सा गया. सिर्फ उत्तर परगना में अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है. राज्य में अबतक 10 लोगों की मौत की खबर है.
चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले सप्ताह उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. वह 11 नवंबर को नामखाना और बक्खाली के आस-पास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की और इस आपदा से निपटने के लिये राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”चक्रवात की स्थिति और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की.”
पुलिस ने यहां बताया कि शहर में देवदार के एक पेड़ की शाखा टूटकर गिर जाने से उसकी चपेट में आकर एक जाने माने क्लब के कर्मचारी की मौत हो गयी.
बशीरहाट, उत्तर 24 परगना में अलग-अलग घटनाओं में तीन व्यक्तियों की मौत हुई.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार जिले में पुरबा मकाला गांव में सुचित्रा मंडल (70) पर एक पेड़ गिर पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गयी.
इसी तरह की एक घटना में गोखना गांव में कई पेड़ उखड़ गये, इनमें एक पेड़ की चपेट में आने से रेबा बिस्वास (47) की मौत हो गयी.
अधिकारी ने बताया कि जिले में एक लैम्प पोस्ट के संपर्क में आने से बिजली का झटका लगने से मनिरुल गाजी (59) की मौत हो गयी.
शनिवार को पूरे दिन महानगर में मूसलाधार बारिश होती रही जिससे लोग घरों के अंदर रहे. दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों के आस-पास के इलाकों में 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली. चक्रवात ने वहां शनिवार करीब मध्यरात्रि दस्तक दिया था.
सैकड़ों पेड़ों के उखड़ने से शहर के कई हिस्सों में सड़कें जाम रहीं, हालांकि खराब मौसम के बावजूद कई लोग रविवार को अपने-अपने घरों से निकले.
कोलकाता नगर निगम (केएमसी), पुलिस और दमकल कर्मियों के साथ एनडीआरएफ गिरे हुए पेड़ों और टहनियों के कारण जाम हुई सड़कों को साफ करने में जुटा है.
केएमसी के एक अधिकारी ने बताया, ”हमने कर्मियों को सड़कों को साफ करने और निचले इलाकों से जल निकासी के काम में लगाया है. हमें उम्मीद है कि यह काम रात तक खत्म हो जायेगा.”
राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने कहा कि जड़ से उखड चुके पेड़ों को जल्द से जल्द हटाने के लिये सभी आपात सेवाएं काम कर रही हैं.
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार सुंदरबन धानची वन के करीब पहुंचने से पहले बेहद गंभीर चक्रवातीय तूफान कमजोर होकर गंभीर चक्रवातीय तूफान में तब्दील हो गया.
मौसम विभाग ने उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और नादिया जिलों में दोपहर साढ़े 12 बजे से अगले छह घंटे से अधिक समय तक मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ”गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ के कारण मैंने आगामी सप्ताह में उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. इसके बजाय कल मैं नामखाना और बक्खाली के आस पास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करूंगी.”
उन्होंने कहा, ”बाद में मैं चक्रवात प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास की समीक्षा के लिये प्रशासन के साथ काकद्वीप में बैठक करूंगी. 13 नवंबर, 2019 को उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरान करने की मेरी योजना है.”
राज्य के ऊर्जा मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा चक्रवात के कारण इलाकों में बिजली के तार गिरने की वजह से बाधित हुई बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिये उपाय किये जा रहे हैं.
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति को लेकर बातचीत की और आपदा से निपटने के लिये राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”चक्रवात की स्थिति और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की.”