रामदेव के खिलाफ दलित, आदिवासियों का पतंजलि बायकॉट


dalit tribal bodies called for boycott of Patanjali after Ramdev controversial comments

 

पतंजलि के संस्थापक रामदेव की ओर से पेरियार और उनके समर्थकों के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद दलित और आदिवासी समूहों ने कंपनी प्रोडक्ट्स का बायकॉट करने की मांग की है.

रामदेव ने दलितों, आदिवासियों, मुस्लिम और द्रविड़ियन सुधारक पेरियर के समर्थकों पर ‘बौधिक आतंकवाद’ फैलाने का आरोप लगाया है. रामदेव के इस बयान पर तमाम आदिवासी और दलित संगठनों ने पतंजलि के प्रोडक्ट्स के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मोर्चा खोल दिया है और अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं. रविवार तक ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था, जिस पर लाखों के तादाद में ट्वीट देखने को मिले.

रामदेव का ये बयान फिलहाल सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर वायरल हो रहा है.

हिंदू धार्मिक मान्यताओं और साधुओं के प्रभुत्ववादी नैरेटिव से अलग अपने सोच-विचार रखने वाले इन समूहों पर रामदेव का बयान उपेक्षित करने वाला है.

ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा, ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटी इम्पलोई फेडरेशन और भीम आर्मी ने रामदेव के बयान की निंदा की है. इन संगठनों ने कहा कि रामदेव जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने वाली मनुस्मृति के प्रचारक हैं.

दलितों और आदिवासियों का नेतृत्व करने वाले संगठन अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष अशोक भारती ने कहा कि ‘रामदेव के बयान को बरदास्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने दिखा दिया है कि वो मनुवादी विचारों में विश्वास रखते हैं और इसलिए हमने पतंजलि प्रोडक्ट्स का बायकॉट करने की मांग की है.’

रविवार को उनके संगठन ने सड़कों पर विरोध स्वरूप कंपनी की प्रोडक्ट्स को जलाने का आह्वाहन किया. द टेलीग्राम की खबर के मुताबिक रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इस पूरे वाकये पर सवालों के जवाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

भीमा आर्मी ने रामदेव से माफी और अपना बयान वापस लेने की मांग की है. भीम आर्मी के प्रवक्ता कुश अंबेडकरवादी ने कहा कि ‘बाबा ने करोड़ों दलितों और पेरियार समर्थकों का अपमान किया है. आरएसएस की ही तरह बाबा भी धार्मिक आस्था पर केवल एक ही नैरेटिव को मानते हैं. हम उनके उत्पादों का बायकॉट की मांग करते हैं और इसे लेकर हम हर जगह प्रदर्शन करेंगे.’

एक सार्वजनिक बैठक के दौरान रामदेव ने कहा था कि सूर्यवंशी और चंद्रवंशी (दो प्रमुख क्षत्रिय जातियां) ने हमेशा से देश पर राज किया है, लेकिन आज ये दलित, आदिवासी, मुस्लिम और पेरियार समर्थकों के बौद्धिक आतंकवाद से चुनौती का सामना कर रहे हैं.

साथ ही उन्होंने कहा था कि ‘नास्तिक रामस्वामी पेरियार ने भगवान के भक्तों की परिभाषा बेवकूफ और धर्म की परिभाषा जहर के तौर पर की है. उनका ये संदेश फैल रहा है. वो हमारे साधुओं का चरित्र हनन कर रहे हैं. ये बौद्धिक आतंकवाद है. ये देश को विभाजित कर देगा.’


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