एनआरसी पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी से बांग्लादेश में चिंता
भारत में एनआरसी और बांग्लादेशी नागरिकों पर नेताओं के बढ़ती बयानबाजी से ढाका में चिंता बढ़ती जा रही है. द हिंदू एक राजनयिक सूत्र के हवाले से लिखता है कि बांग्लादेश ने अब तक आधिकारिक रूप से असम में एनआरसी पर चिंता जाहिर नहीं की है पर वो मामले पर नजर बनाए हुए है. जाहिर है कि ये मसला बांग्लादेश के लिए चिंता का विषय है क्योंकि पिछले समय में भारत में बांग्लादेशी नागरिकों पर “घुसपैठिया” कहकर निशाना साधा गया है.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से ऐसी ही बयानबाजी देखने को मिली, जिसके बाद अब उनकी भारत यात्रा पर अनिश्चितता के बादल घिर गए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर सरकार के संकल्प को दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि देश से “किसी शरणार्थी को जाने नहीं देंगे और घुसपैठिये को रहने नहीं देंगे.”
शाह ने एनआरसी पर बीजेपी की एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘‘बहुत जरूरी’’ है और इसे लागू किया जाएगा लेकिन उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि इससे पहले सभी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया जाएगा.
वहीं कल उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों सहित अन्य विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए प्रदेश के सभी जिला पुलिस प्रमुखों को अभियान चलाने का निर्देश दिया. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि इसका एनआरसी से कोई संबंध नहीं है.
अखबार अपने राजनयिक सूत्र के हवाले से लिखता है कि “हमें नहीं पता कि इससे ढाका और विशेषकर प्रधानमंत्री शेख हसीना को क्या संदेश मिल रहा है, पर इससे निश्चित तौर पर एनआरसी और मुस्लिम बंगालियों का मुद्दा केंद्र में आया है.”
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख हसीन के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी और ये कहा था कि ढाका को असम में एनआरसी से पैदा हुई परिस्थितियों पर चिंता करने की जरूरत नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के कुछ ही दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी ढाका यात्रा के दौरान कहा कि एनआरसी भारत का “आंतरिक मसला” है. हालांकि बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन ने पुष्टि की कि न्यूयॉर्क में हसीना ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि “एनआरसी बड़ी चिंता का विषय है.”
हसीना गुरुवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के 33वें इंडिया इकोनॉमिक समिट में हिस्सा लेने भारत आएंगी. समिट के दौरान हसीना अपने देश को सफल राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए प्रमुख केंद्र के रूप मे प्रस्तुत करेंगी.
राजनयिक सूत्रों ने जानकारी दी कि “ढाका नई दिल्ली और कोलकाता के बीच राजनीतिक दूरियों को भली-भांति जानता है पर ये दुखद है कि मुस्लिम बंगालियों को “घुसपैठियां” और “अवैध प्रवासी” के रुप में प्रस्तुत किया जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “नागरिकता संशोधन विधेयक मुस्लिम बंगालियों को बाहर निकाल देगा, जिससे पूरे समुदाय को भारत से निकाले जाने का भी खतरा है. वो कहां जाएंगे?”