अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए वित्त मंत्री का एलान काफी नहीं


bank credit growth slows to 10.24 percent and deposits at 9.73 percent

 

पांच साल में सबसे कम आर्थिक विकास दर में न के बराबर आर्थिक सुधार के संकेतों के साथ जुलाई महीने में भारत में निवेश और खपत की स्थिति खराब हुई है.

ब्लूमबर्ग की ओर से निर्धारित किए गए आठ उच्च निर्धारकों में जून महीने की तुलना में जुलाई में गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो दशकों में कार की मांग सबसे कम रही है और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पिछले चार सालों में सबसे कम वृद्धि दर देखी गई.

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रयासों (बजट भाषण और उसके बाद) के बावजूद आंकड़े सुस्त अर्थव्यवस्था की ओर इशारा करते हैं.

जुलाई महीने में रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में कमी और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव की वजह से निर्यात की वृद्धि दर में नाकाफी सुधार हुआ है.

उपभोक्ता की मांग में लगातार कमी बनी हुई है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक एक साल में कार की बिक्री में 36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है जबकि ट्रक और बसों की बिक्री में 26 फीसदी की कमी आई है.

सियाम के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर के मुताबिक कार के निर्माण में आई कमी और फैक्ट्रियों के अस्थायी रूप से बंद होने की वजह से कम-से-कम 15,000 लोगों की नौकरियां गई हैं.

आरबीआई के एक सर्वे के मुताबिक नौकरियों के जाने और विकास की घटती दर की वजह से उपभोक्ताओं के विश्वास में कमी आई है.  भारतीय अर्थव्यवस्था का 60 फीसदी हिस्सा खपत से आता है. बैंक में आये संकट की वजह से खपत में कमी आई है और यह घटकर पांच साल के सबसे न्यूनतम आंकड़ों पर पहुंच गया है.

आरबीआई की ओर से जारी डाटा के मुताबिक जुलाई महीने में क्रेडिट विकास 12.2 फीसदी पर पहुंच गया है. अप्रैल महीने में यह 14.2 फीसदी रहा.

मूलभूत इंन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योगों में पिछले साल जून महीने की तुलना में केवल 0.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. यह पिछले चार साल में सबसे कम वृद्धि की दर है. कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रोडक्शन और सीमेंट मूलभूत इंन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत आते हैं जिसकी हिस्सेदारी कुल औद्योगिक उत्पादन में 40 फीसदी है.

जुलाई महीने में भारत के सेवा क्षेत्र का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स(PMI) जून महीने में 49.6 की तुलना में 53.8 पर पहुंच गया है.  जुलाई महीने में निर्माण क्षेत्र में पीएमआई पिछले आठ महीने में सबसे ऊपर 53.9 रहा है. जून में यह 50.8 था. 42 से अधिक पीएमआई से अर्थव्यवस्था में तेजी का पता चलता है. बावजूद इसके अर्थव्यवस्था में विकास दर में बढ़ोत्तरी के आसार नहीं दिख रहे हैं.


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