आरबीआई की उदारता के बावजूद सेंसेक्स में रिकॉर्ड गिरावट क्यों?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले चार महीनों में तीसरी बार रेपो रेट घटाकर भविष्य में लचीला रुख रखने का संकेत दिया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद रेपो रेट पिछले नौ साल में सबसे निचले स्तर 5.75 पर पहुंच चुका है.
वैश्विक बाजार की मजबूत स्थिति होने के बावजूद स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट आई है. सेंसेक्स 553 अंकों की गिरावट के बाद 39,529 पर बंद हुआ है. साल 2019 में यह सबसे बड़ी गिरावट है. निफ्टी में 1.4 फीसदी की कमी आई. यह 11,843 पर बंद हुआ है.
‘द मिंट’ में छपी खबर के मुताबिक आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने 25 बेसिक प्वाईंट कट के लिए अपनी सहमती जताई है. केन्द्रीय बैंक ने साल 2014 के बाद से पटरी से उतरी आर्थिक विकास को गति देने के लिए अपने रुख को ‘न्यूट्रल’ से ‘उदारता’ की ओर बढ़ाया है.
रिलायंस सिक्युरिटी के नवीन कुलकर्णी मानते हैं कि बाजार पहले से ही गंभीर संकट में है, ऐसी स्थिति में सरकार से अधिक की उम्मीद है. वृद्धि और मौद्रिक तरलता के मामले में अभी भी स्थिरता बनी हुई है.
जानकारों के मुताबिक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों(एनबीएफसी) में निवेशकों का भरोसा घटा है. इस सेक्टर में छाया संकट कंपनियों को बॉन्ड मार्केट में जगह बनाने में मुश्किलें खड़ी कर रही हैं.
प्रभुदास लीलाधर के सीईओ अजय बोडके कहते हैं, “ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है जो संकट में फंसे एनबीएफसी सेक्टर को राहत दिलाए.”
बोडके कहते हैं कि व्यक्तिगत निवेशकों ने भी एनबीएफसी और फिक्स्ड इनकम म्यूचुअल फंड सेक्टर के प्रति भरोसा खोया है, इन सेक्टर को राहत देने के लिए अलग से नीति बनाने की जरूरत है.
हालांकि आरबीआई प्रमुख शक्ति कांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि केन्द्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता लाने के लिए हर तरह के कदम उठाएगी.
क्रिसिल ने हाउसिंग फाइनांस कंपनी डीएचएफएल की शॉर्ट टर्म क्रेडिट रेटिंग घटा दी है. कंपनी के शेयर के दामों में 18 फीसदी की गिरावट आई है. क्रिसिल ने यह कदम फंड नहीं मिलने और लिक्विडिटी स्तर में लगातार कमी बने रहने के बाद उठाया है. कंपनी ने पिछले महीने से नई डिपॉजिट लेने और प्रिमैच्योर निकासी पर रोक लगा रखी है.
हालांकि कंपनी ने डिफॉल्ट होने से इनकार किया है.
आईआईएफएल के वाइस प्रेसिडेंट संजीव भसीन स्टॉक मार्केट में आई गिरावट को ओवर रिएक्शन मानते हैं. भसीन आशा करते हैं कि सरकार भारतीय अवसंरचना विकास और वित्त कंपनी IL&FS और एनबीएफसी को उबारने के लिए नई नीति बनाएगी.