पिछले चार साल में टैक्स बकाया 31 फीसदी बढ़ा


retail inflation rate increased to 3.99 percent

 

सरकार ने कर चोरी करने वालो के नामों का खुलासा करने से इंकार कर दिया है. बावजूद इसके कि सरकार का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर का बकाया पिछले चार साल में 31 फीसदी बढ़ गया है.

चालू वित्त वर्ष में दिसंबर माह के अंत तक ये 10  लाख करोड़ के पार पहुँच गया है. इसमें प्रत्यक्ष कर की 2.59  लाख करोड़ जबकि अप्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी  8. 07 लाख करोड़ है.

वर्ष 2015 -16 मे प्रत्यक्ष कर का बकाया 188368 लाख करोड़ था जबकि बकाया अप्रत्यक्ष कर 5,47,953 लाख करोड़ था.

ये आंकड़े वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को राज्य सभा में  पूछे गए एक सवाल के जवाब में पेश किए. लेकिन सरकार  ने 50 बड़े बकायादारों के नाम बताने से इंकार कर दिया. अप्रत्यक्ष करों के बकायादारों के मामले में सरकार ने तर्क दिया कि कॉर्पोरेट सेक्टर से सम्बंधित कर चोरी के अलग से आंकड़े नहीं रखे जाते हैं वहीं प्रत्यक्ष करों के मामले में कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 138  के तहत किसी विशेष कर दाता की कर सूचना का सार्वजनिक खुलासा करना मना है.

गौरतलब है कि प्रत्यक्ष कर में व्यक्तिगत आयकर के अलावा कॉर्पोरेट टैक्स भी शामिल  होता है.

रोचक बात ये है कि  प्रत्यक्ष कर अपवंचना के के मामले में की गई कार्यवाहियों का ब्यौरा मांगने से सम्बंधित एक अन्य सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि कर चोरी की सूचना मिलने पर बकाया कर की वसूली के लिए एक पुरस्कार की घोषणा की गई है और जिन बकायादारों के नामों की पुष्टि हो जाती है उनके नाम सार्वजनिक किए जाते हैं.

विभिन्न करों की बकाया राशि ( राशि लाख करोड़ रुपयों में )

वित्त वर्ष                            प्रत्यक्ष कर                                      अप्रत्यक्ष कर                               

2015-16                          1,88,368                                        5,47,953

2016-17                          2,28,530                                        6,27,389

2017-18                          2,37,651                                        6,25,750

2018-19 (दिसंबर तक)    2,59,023                                        8,07,137


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