अमित शाह ने रची प्रजापति इनकाउंटर की साजिश : जांच अधिकारी
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ-साथ आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन, राजकुमार पांडियन और डीजी वंजारा कथित तुलसीराम प्रजापति फेक इनकाउंटर मामले में ‘मुख्य साजिश’ रचनेवालों में थे. इस मामले की जांच कर रहे मुख्य जांच अधिकारी संदीप मधुकर तमगाडगे ने विशेष अदालत में कहा कि यह राजनेताओं और अपराधियों का गठजोड़ था.
संदीप मधुकर तमगाडगे अप्रैल 2012 से तुलसीराम फेक इनकाउंटर मामले की जांच कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अमित शाह और राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सोहराबुद्दीन शेख, तुलसीराम प्रजापति और आजम खान जैसे लोगों का इस्तेमाल कर साल 2004 में नामी बिल्डरों के यहां हमला कराया था.
बचाव पक्ष के वकील के पूछे जाने पर तमगाडगे ने कहा कि अमित शाह, दिनेश एमएन, वंजारा, पांडेया, विपुल अग्रवाल, अशीष पांड्या, एनएच डाभी और जीएस राव के कॉल डिटेल से साजिश में शामिल होने का पता चलता है.
इनमें पांड्या, डाभी और राव अभी तक ट्रायल फेस कर रहे हैं. जबकि अन्य आरोपी सबूत के अभाव में छूट गए हैं. चार्जशीट में सीबीआई ने घटना के पहले और बाद में इन लोगों के बीच हुई बातचीत के कॉल डिटेल जमा किए थे. लेकिन कोर्ट ने इसे पर्याप्त सबूत नहीं माना था.
तुलसीराम की 28 दिसम्बर 2006 को गुजरात में हत्या कर दी गई थी. राजस्थान पुलिस के मुताबिक तुलसीराम पुलिस हिरासत से उस समय भाग गया था जब उसे अहमदाबाद कोर्ट से सुनवाई के बाद उदयपुर जेल ले जाया जा रहा था. सीबीआई ने अपनी जांच में पाया था कि सोहराबुद्दीन और तुलसीराम राजनेताओं और पुलिस के सहयोग से उगाही का धंधा चलाता था.
सीबीआई के मुताबिक नवंबर 2005 में ही इनकाउंटर की साजिश रची गई थी.