हिंदी के प्रसिद्ध लेखक गंगा प्रसाद का श्रीलंका में सड़क दुर्घटना में निधन
हिंदी के प्रसिद्ध लेखक, अनुवादक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर गंगा प्रसाद विमल की बीते दिनों श्रीलंका में ट्रक दुर्घटना में मौत हो गई. वे 80 वर्ष के थे.
गंगा प्रसाद विमल का जन्म 3 जून 1939 को उत्तराखंड के उत्तराकाशी में हुआ था. दुर्घटना में उनकी पुत्री और नतिनी की भी मृत्यु हो गई. तीनों का पार्थिव शरीर अभी भारत नहीं आ पाया है.
उनके परिजनों ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ श्रीलंका घूमने गए थे. वहां उनकी वैन की टक्कर एक ट्रक से हो गई और तीनों लोगों की मृत्यु हो गई. दुर्घटना में उनका दामाद बुरी तरह घायल हो गया. उनके दामाद दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल के पुत्र हैं. तीनों के पार्थिव शरीर को भारत लाया जा रहा है.
गंगा प्रसाद विमल केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक भी रह चुके थे. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अलावा वे ओस्मानिया विश्वविद्यालय के शिक्षक रह चुके थे. इसके साथ-साथ वे दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज से भी जुड़े थे.
उन्होंने 1965 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी. गंगा प्रसाद विमल महत्वपूर्ण कवि, कहानीकार, उपन्यासकार और अनुवादक थे. उनका पहला काव्य संग्रह 1967 में विज्जप नाम से आया था. ‘अपने से अलग’ शीर्षक से उनका पहला उपन्यास 1972 में आया था.
वहीं अगर दूसरी रचनाओं की बात करें तो उनका पहला कहानी संग्रह ‘कोई भी शुरुआत’ 1967 में आया. उन्होंने चंद्रकुंवर बर्थवाल संचयन का संपादन किया और प्रेमचंद एवं मुक्तिबोध पर किताबें लिखीं. उनकी करीब 20 से अधिक पुस्तकें छपीं और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले.