फीफा महिला विश्व कप: अमेरिका और फ्रांस के बीच होगा दमदार मुकाबला
फीफा महिला विश्व कप 2019 के सेमी फाइनल में अपनी जगह बनाने के लिए विश्व विजेता अमेरिका और मेजबान फ्रांस आज आमने-सामने होंगे.
इससे पहले क्वाटर फाइनल में इंग्लैंड और नॉर्वे के बीच हुए एकतरफा मैच में इंग्लैड ने नॉर्वे को 3-0 से शिकस्त देते हुए सेमी-फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. टीम अब तक हुए सभी पांच मैच अपने नाम करने में कामयाब हुई है और इसी के साथ अब वो टूर्नामेंट की दमदार खिलाड़ी भी बन गई है.
सेमीफाइनल में इंग्लैंड का मुकाबला आज क्वाटर फाइनल जीतने वाली टीम से होगा. सेमी फाइनल में अगर इंग्लैंड की टीम अमेरिका को टूर्नामेंट से बाहर करने में कामयाब हुई तो टीम पहली बार फीफा महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में अपनी दावेदारी पेश करेगी.
बाकी के दो क्वाटर फ्लाइनल मैच इटली बनाम नीदरलैंड और जर्मनी बनाम स्वीडन की टीमों के बीच 29 जून को खेले जाएंगे.
सभी मैच टीवी चैनल फॉक्स और एफएस1 पर देखे जा सकेंगे. इसके अलाव ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले लोग फ्यूबो टीवी पर मैच का आनंद उठा पाएंगे.
क्या है एक्पर्ट्स की राय
माना जा रहा है कि आज होने वाले क्वाटर फाइनल में दोनों टीमों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. अब तक दोनों ही टीमों ने अपने ग्रुप मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया है.
अनुमान है कि दोनों ही टीमों के प्रशंसक फुटबॉल ग्रांउड में एक समान संख्या में मौजूद रहेंगे.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले मैच को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. अमेरिकी टीम की ट्रेनिंग कंडिशन की ओर ध्यान दिलाते हुए टीम की पूर्व गोलकीपर होप सोलो कहती हैं कि “उनकी पूर्व साथी खिलाड़ियों को यूरोप की तेज गर्म हवाओं का सामना करना पड़ेगा.”
अपने एक कॉलम में उन्होंने कहा कि “अभी हम लोग गर्म लू का सामना कर रहे हैं, मैच के दौरान 40 डिग्री तापमान रह सकता है, यह मैच में निर्णायक साबित हो सकता है. हालांकि दोनों ही टीमें इससे समान रूप से प्रभावित होंगी.”
वो आगे अपने लेख में कहती हैं,”उदाहरण के लिए अमेरिकी टीम देश के सबसे गर्म शहरों में भी ट्रेंनिग करती है. ऐसे में दोनों ही टीमों के लिए गर्म मौसम में खेलना कोई नई बात नहीं है. इन्होंने इसके लिए पहले ही तैयारी की है और दोनों को ही गर्म मौसम के लिए तैयार रहना चाहिए. दोनों ही प्रोफेशनल टीमें अपने प्रतिद्वंदी के खेल को बखूबी पहचानती हैं.”
सोलो के मुताबिक दोनों ही टीमें फिलहाल अपने-अपने डिफेंस गेम में चुनौती का सामना कर रही हैं ऐसे में कौन-सी टीम इसका लाभ उठाने में कामयाब होगी यह कहना मुश्किल है.
ऐसे में टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली अमेरिकी टीम के लिए मजबूत दावेदार फ्रांस को हाराना आसान नहीं होगा.