नए साल पर चार लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए, सर्वाधिक 67,385 जन्म भारत में
नए साल पर विश्वभर में करीब 4,00,000 बच्चों ने जन्म लिया और सबसे अधिक 67,385 बच्चे भारत में जन्मे हैं.
यूनिसेफ के अनुसार नए साल में विश्वभर में करीब 3,92,078 बच्चों ने जन्म लिया और इनमें से करीब 67,385 बच्चे भारत में पैदा हुए हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन है, जहां नववर्ष पर 46,299 बच्चे पैदा हुए.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की नई कार्यकारी निदेशक हेनरिटा एच. फोर ने कहा, ”नए वर्ष और नए दशक की शुरुआत उन उम्मीदों और आकांक्षाओं को व्यक्त करने का अवसर है जो न केवल हमारे भविष्य के लिए बल्कि भावी पीढ़ियों के भविष्य के लिए भी.”
उन्होंने कहा, ” हर साल जनवरी में हमें प्रत्येक बच्चे के जीवन के सफर की सभी संभावनाओं की याद दिलाई जाती है.”
संभवत: 2020 में सबसे पहले फिजी में बच्चे का जन्म हुआ, जबकि सबसे आखिरी नंबर अमेरिका का रहा. इस सूची में शामिल देश हैं भारत (67,385), चीन (46,299), नाइजीरिया (46,299), पाकिस्तान (16,787), इंडोनेशिया (13,020), अमेरिका (10,452), गणराज्य कांगो (10,247) और इथियोपिया (8,493).
हेनरिटा ने कहा कि यूनिसेफ हर साल जनवरी में विश्वभर में नववर्ष पर पैदा हुए बच्चों के जन्म का जश्न मनाता है.
अनुमान है कि साल 2027 तक भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे कर देगा.
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार वर्ष 2019 से वर्ष 2050 के बीच भारत की आबादी 27.3 करोड़ बढ़ने का अनुमान है. इसी अवधि में नाइजीरिया की आबादी में 20 करोड़ की वृद्धि होने का अनुमान है. ऐसा होने पर इन दोनों देशों की कुल आबादी वर्ष 2050 में वैश्विक आबादी में वृद्धि का 23 फीसदी होगी.
2019 में चीन की आबादी 1.43 अरब और भारत की आबादी 1.37 अरब रही. सर्वाधिक आबादी वाले इन दोनों देशों ने 2019 में वैश्विक जनसंख्या में क्रमश: 19 और 18 फीसदी की हिस्सेदारी रखी.