न्यूनतम साझा कार्यक्रम : महाराष्ट्र की जमीन पर किन बिन्दुओं पर साथ आए वैचारिक विरोधी?
महाविकास अघाड़ी सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में आशा कर्मचारियों से बेरोजगारों तक को खुश करने की कोशिश साफ देखी जा सकती है. 28 नवंबर को जारी न्यूनतम साझा कार्यक्रम से आशा और आंगनवाड़ी कर्मचारियों में वेतन बढ़ोतरी की उम्मीद जगी है.
महाराष्ट्र आशा वर्कर यूनियन के अध्यक्ष शंकर पुजारी ने बताया कि ‘आशा कर्मचारियों का कम वेतन काफी समय से अहम मुद्दा रहा है और हमने इसे सभी सरकारों के साथ उठाने की कोशिश की है. अगर नई सरकार इस मसले को सुलझाना चाहती है तो उसे कर्मचारियों का वेतन बढ़ाकर 18,000 रुपये करना चाहिए और स्वास्थ्य विभाग में उन्हें स्थायी नौकरी देनी चाहिए.’
न्यूनतम साझा कार्यक्रम की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द पर विशेष जोर दिया है और लिखा गया है गठबंधन की सभी पार्टियां धर्मनिरपेक्ष मूल्य को बनाए रखेंगी.
कार्यक्रम में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं. जैसे- सभी नागरिकों के लिए सस्ती से सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं. इसके मुताबिक तालुका के स्तर पर एक रुपये के शुल्क वाले क्लिनिक खोले जाएंगे. जिसमें बीमारियों के टेस्ट भी शामिल हैं. विभिन्न चरणों में सभी जिलों में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. राज्य के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाएगा.
उद्योग विषय के अंतर्गत कार्यक्रम में अनुमति लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना, निवेश को बढ़ावा देना और आईटी क्षेत्र से जुड़ी नीतियों में सुधार शामिल है.
शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी, मजदूर बच्चों और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शून्य ब्याज दर पर ऋण मुहैया करना शामिल है.
किसानों के मुद्दों को साझा कार्यक्रम में केंद्र में रखा गया है. कार्यक्रम में भारी बारिश और बाढ़ प्रभावित किसानों को तत्कालीन मदद, ऋण माफी, फसम बीमा के तहत बीमा राशी दी जाने की प्रक्रिया में तेजी, फसलों का उचित दाम और सूखा प्रभावित इलाकों में पानी की उचित व्यवस्था करना जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है.
शिक्षित युवा बेरोजगारों को ध्यान में रखते हुए- राज्य स्तर पर खाली सभी सरकारी पदों पर तत्काल भर्ती, शिक्षित युवा बेरोजगारों को फेलोशिप और राज्य के युवाओं के लिए नौकरी में 80 फीसदी आरक्षण के लिए कानून बनाना जैसे मुद्दों को कार्यक्रम में जगह दी गई है.
महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम में कहा गया है कि आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा, महिला सुरक्षा, शहरी और जिला स्तर पर कामगार महिलाओं के लिए हॉस्टल की सुविधा, आंगनवाड़ी और आशा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करना.
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की तर्ज पर शहरी इलाकों की सड़कों को बेहतर बनाने के लिए स्कीम पर कानून पारित करना, नगर पंचायत और म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में सड़कों को बेहतर करना और झुग्गी में रहने वाले जरूरतमंद लोगों के लिए 500 स्क्वेअर फीट वाले घर मुहैया करना. गठबंधन ने शहरी विकास के तहत इन बिंदुओं को कार्यक्रम में जगह दी है.
सामाजिक न्याय पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम में कहा गया है कि एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े सवालों का हल करना और अल्पसंख्यकों का सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक पिछड़ापन दूर करने के लिए योजना तैयार करना.
इसके साथ ही पर्यटन क्षेत्र के विकास, वरिष्ठ नगारिकों के लिए सुविधाएं, 10 रुपये में आम लोगों के लिए अच्छा खाना उपलब्ध कराना जैसे अहम लक्ष्यों की पूर्ति भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल है.
इसके अलावा न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अंत में कॉर्डिनेशन कमिटी का भी उल्लेख है. इसमें कहा गया है कि राज्य मंत्री परिषद और गठबंधन के सहयोगियों के बीच समन्वय के लिए दो कमेटियों का गठन किया जाएगा.