कश्मीर की गंभीर स्थिति को छुपाने में लगी है सरकार: कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई के लिए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर की गंभीर स्थिति को सरकार छुपाने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, सपा नेता रामगोपाल यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
इन नेताओं ने मांग की कि जम्मू कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाए और वहां दूरसंचार सेवाएं बहाल की जाएं.
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम भी विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. उनके पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में 21 अगस्त की रात सीबीआई ने गिरफ्तार किया है.
विरोध प्रदर्शन में नेशनल कांफ्रेंस का प्रतिनिधि भी शामिल हुआ.
विपक्षी नेताओं ने एक प्रस्ताव भी पारित किया और कहा कि राज्य के लोगों से विचार-विमर्श किए बिना अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधानों को हटाए जाने की वजह से कश्मीर घाटी में अघोषित आपातकाल की स्थिति है.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘हम मुश्किल समय में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़े हैं. संचार व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर देने और पूर्व मुख्यमंत्रियों, नेताओं और समाज के लोगों को हिरासत में रखने का निर्णय गंभीर चिंता का विषय है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यधारा के नेताओं और निर्दोष नागरिकों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं.’’
सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों को बांटने का कदम उठाया. इसके मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के कई इलाकों में एहतियातन भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई और मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं.
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया या उन्हें नजरबंद किया गया.