जून में जीएसटी से मिलने वाला राजस्व वित्त वर्ष के सबसे निचले स्तर पर


govt did not examine gst system properly before rollout said cag

 

बीते जून के महीने में जीएसटी से मिलने वाला राजस्व एक लाख करोड़ से नीचे रह गया. इस पूरे वित्त वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ है जबकि जीएसटी कलेक्शन इस तरह से नीचे रहा है. जानकारों के मुताबिक तमाम क्षेत्रों में लगातार घटती मांग इसमें कमी की प्रमुख वजह रही है.

जीएसटी क्रियान्वयन की दूसरी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस तरह के मामलों में कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि ईमानदार करदाताओं को परेशानी नहीं हो और सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं उठाना पड़े.

उन्होंने कहा, ‘‘फर्जी चालान पर रोक लगाने की जरूरत है क्योंकि कुछ गड़बड़ी करने वाले कारोबारियों की वजह से ईमानदार करदाताओं को नुकसान होता है और इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है.’’

ठाकुर ने कहा कि सरकार फर्जी इनवॉयस निकालने वाले कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदार ट्रेडर से बैर नहीं, फेक इनवॉयस वालों की खैर नहीं.’’

मंत्री ने उम्मीद जताई कि व्यापार और उद्योग के लोग अपने सहयोगियों से इस तरह के गलत व्यवहार को छोड़ने और कानून का अनुपालन करने को कहेंगे. ठाकुर ने कहा, ‘‘यह सरकार इस गड़बड़ी का खात्मा करने को प्रतिबद्ध है.’’

ठाकुर ने जीएसटी के अधिकारियों से कहा कि वे ईमानदार करदाता के मामले में संवेदनशीलता दिखाएं और उनके समक्ष आने वाली उचित कठिनाइयों को दूर करें.

केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह कंपनियों के लिए बी2बी बिक्री को एक जनवरी से ई-इनवॉयस निकालने की पायलट परियोजना शुरू करने का फैसला किया है.

जून में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से कम यानी 99,939 करोड़ रुपये रहा है. इससे पिछले तीन माह के दौरान जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था. हालांकि, जून 2018 के मुकाबले इस साल यह 4.52 फीसदी अधिक रहा है.

अनुराग ठाकुर ने इन आंकड़ों के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के जीएसटी संग्रह के लक्ष्य को हासिल कर लेगी.

ठाकुर ने कहा, ‘‘यदि किसी महीने में संग्रह कम भी रहता है तो भी हम वित्त वर्ष के अंत तक बजट लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आगामी महीनों में जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होगी.’’

सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में 6.10 लाख करोड़ रुपये का सीजीएसटी और 1.01 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा उप कर जुटाने का लक्ष्य रखा है. आईजीएसटी में 50,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

बीते वित्त वर्ष में सीजीएसटी संग्रह 4.25 लाख करोड़ रुपये और राज्यों की राजस्व क्षतिपूर्ति के लिए लगाये गये उपकर से 97,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

जून, 2019 में सरकार ने नियमित निपटान के तहत आईजीएसटी से केन्द्रीय जीएसटी का 18,169 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी का 13,613 करोड़ रुपये का निपटान किया है.

जून में नियमित निपटान के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का सीजीएसटी से कुल कुल राजस्व संग्रह 36,535 करोड़ रुपये और एसजीएसटी से 38,956 करोड़ रुपये रहा.

पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार और लीडर प्रतीक जैन ने कहा कि पिछले साल की तुलना में जीएसटी संग्रह में मामूली वृद्धि चिंता की बात है. और हमें उम्मीद है कि आगामी महीनों में आडिट और जांच में बढ़ोतरी के उपाय देखने को मिलेंगे.


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