विश्व कप के बावजूद टीवी की बिक्री में कमी खपत की गहराती समस्या का संकेत: बजाज फाइनेंस


how deep is the consumption slow down

 

भारतीय बाजारों में खपत में कमी की चर्चा हर ओर हो रही है. लेकिन ये समस्या कितनी गंभीर है, इसका कोई पुख्ता जवाब नहीं है. बजाज फिनसर्व के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव बजाज इसे नाटकीय ट्रेंड बताते हैं. ये कंपनी बजाज फाइनेंस के अंतर्गत उपभोक्ता लोन का व्यापार करती है.

मिंट ने बजाज के साक्षात्कार के हवाले से एक खबर प्रकाशित की है. ये साक्षात्कार सीएनबीसी-टीवी18 ने लिया है. बजाज बताते हैं कि उनकी कंपनी में वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में कम वृद्धि हुई.

उन्होंने बताया कि बीते सोमवार को बजाज फाइनेंस के स्टॉक में आठ फीसदी की गिरावट हुई. ये इस बात का संकेत है कि बाजार में ये डर कितनी गहरी पैठ बना चुका है.

उन्होंने कहा कि टूथपेस्ट से लेकर घरेलू सामान बनाने वाली कंपनियां दिखा रही हैं कि भारतीय किस तरह से अपनी खरीदारी को टाल रहे हैं.

बजाज फाइनेंस का बिजनेस मॉडल उपभोक्ताओं की खपत पर ही आधारित है.

बजाज बताते हैं कि ये बहुत असामान्य है कि टीवी की बिक्री काफी कम हो रही है, जबकि विश्व कप जैसा बड़ा इवेंट चल रहा है. आमतौर पर भारतीय क्रिकेट के शौकीन होते हैं और ऐसी प्रतियोगिताओं के दौरान टीवी की बिक्री बढ़ जाती है.

टीवी की बिक्री में कमी की एक वजह ऑनलाइन स्ट्रीमिंग भी हो सकती है. लेकिन इसका कितना असर है, ये साफ नहीं है.

बाजाज फाइनेंस की तरह ही एचडीएफसी बैंक भी उपभोक्ताओं को लोन की सुविधा प्रदान करता है. इसका आधे से अधिक कारोबार खुदरा क्षेत्र में ही होता है. सोमवार को जारी प्री-अर्निंग रिलीज में कंपनी ने बताया कि इसकी एक से अधिक तिमाही में वृद्धि में कमी देखी गई है.

सबसे महत्वपूर्ण ये है कि खपत में कमी असल रूप में है. और बजाज के शब्दों में कहें तो नाटकीय है.

उधर बजट में भी खपत को बढ़ावा देने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इसके चलते अब सारा दारोमदार मौद्रिक नीति पर आ टिका है.

फिलहाल जानकारों का मानना है कि ये समस्या दूर होने से पहले अभी और गहरा सकती है. इसके अलावा खपत के वापस पटरी पर लौटने में देरी की संभावना भी जताई जा रही है.


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