आईसीसी ने ‘आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों’ से संबंध तोड़ने के आग्रह को ठुकराया
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों से संबंध तोड़ने के बीसीसीआई के आग्रह को ठुकराते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में आईसीसी की कोई भूमिका नहीं है.
पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद बीसीसीआई ने आईसीसी को पत्र लिखकर वैश्विक संस्था और उसके सदस्य देशों से आतंकियों को शरण देने वाले देशों से संबंध तोड़ने की अपील की थी.
बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, ‘‘आईसीसी चेयरमैन ने स्पष्ट कर दिया कि किसी देश को बहिष्कृत करने का फैसला सरकार के स्तर पर किया जाना चाहिए और आईसीसी का ऐसा कोई नियम नहीं है. बीसीसीआई को भी यह बात पता थी लेकिन इसके बावजूद उसने कोशिश करके देखी.’’
बीसीसीआई के पत्र में पाकिस्तान का संदर्भ नहीं था. जिस पर भारत ने आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाया है.
यह मुद्दा दो फरवरी को चेयरमैन शशांक मनोहर की अध्यक्षता में हुई आईसीसी की बोर्ड बैठक में उठाया गया लेकिन इसे ज्यादा समय नहीं दिया गया.
बोर्ड अधिकारी ने कहा, ‘‘सदस्य देशों के इतने सारे खिलाड़ी पाकिस्तान सुपर लीग में खेलते हैं और वे इस तरह के आग्रह को कभी तवज्जो नहीं देते. हां, सुरक्षा चिंता की बात थी और इसे पूरी तरजीह दी गई.’’
भारतीय क्रिकेट टीम को आगामी विश्व कप के दौरान 16 जून को पाकिस्तान से भिड़ना है. पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े राजनयिक तनाव के कारण इस मैच के बहिष्कार की मांग की जा रही है.
भारत क्रिकेट के कुछ बड़े नामों ने यह मांग की है जिसमें हरभजन सिंह और सौरव गांगुली भी शामिल हैं.
भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति ने हालांकि अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं करते हुए कहा है कि वह सरकार का नजरिया जानेगा.