IMF ने 2019 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.1 प्रतिशत किया
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान 2019 के लिए घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है. यह उसके अप्रैल के अनुमानों से 1.2 प्रतिशत कम है. तब उसने 2019 में देश की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
इसी के साथ आईएमएफ ने 2019 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है.
आईएमएफ ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, उसे उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब देश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत पर रह सकती है.
यह वर्ष 2018 में भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है.
विश्वबैंक ने भी 13 अक्टूबर को अपनी दक्षिण एशिया आर्थिक परिदृश्य की नवीनतम रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में गिरकर छह प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. जबकि 2018 में यह 6.9 प्रतिशत थी.
आईएमएफ की अप्रैल 2019 की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में जताए अनुमान के मुकाबले 2019 का मौजूदा अनुमान 1.2 प्रतिशत और 2020 का 0.5 प्रतिशत कम है. आईएमएफ के मुताबिक यह घरेलू मांग के उम्मीद से ज्यादा कमजोर रहने को प्रतिबिंबित करता है.
आईएमएफ ने कहा, ”मौद्रिक नीति में नरम रुख अपनाने, कॉरपोरेट कर घटाने, कॉरपोरेट और पर्यावरण से जुड़ी नियामकीय अनिश्चिताओं को दूर करने के हालिया कदम और ग्रामीण मांग बढ़ाने के सरकारी कार्यक्रमों से वृद्धि को समर्थन मिलेगा. इसका असर कुछ समय बाद परिलक्षित होगा.”
आईएमएफ ने चालू वर्ष में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत और 2020 में 5.8 प्रतिशत पर आने का अनुमान जताया है. जबकि 2018 में पड़ोसी मुल्क की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत थी.
वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के संदर्भ में आईएमएफ ने चेतावनी दी कि वह 2019 के लिए वृद्धि दर अनुमान घटाकर तीन प्रतिशत कर रही है. इसकी प्रमुख वजह व्यापार प्रतिबंधों और भूराजनैतिक तनाव का बढ़ना है.
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री भारतीय-अमेरिकी गीता गोपीनाथ ने कहा कि अनुमान में यह गिरावट 2017 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने के मुकाबले अधिक गंभीर है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न कारकों के एक साथ आने से आई नरमी और इसमें सुधार की अनिश्चिता के साथ वैश्विक परिदृश्य भी अनिश्चित बना हुआ है. आर्थिक वृद्धि दर के तीन प्रतिशत रहने के अनुमान के साथ नीति में सुधार के लिए कोई स्थान नहीं बचा है. ऐसे में नीति निर्माताओं को आपस में मिलकर व्यापार और भूराजनैतिक तनाव का तत्काल समाधान करने की जरूरत है.
आईएमएफ ने 2020 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. यह उसके अप्रैल के अनुमान के मुकाबले 0.2 प्रतिशत कम है.