कश्मीर को लेकर भारत-पाक के बीच तनाव दूर करे संयुक्त राष्ट्र: इमरान खान
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि विश्व को यह तय करना होगा कि वो या तो सवा अरब के बाजार के साथ खड़ा होगा या फिर न्याय और मानवता के साथ.
इमरान खान ने कहा कि जब हम सरकार में आए तो हमारा उद्देश्य भारत के साथ सहयोग बढ़ाकर अपने लगभग एक जैसे मुद्दों का हल निकालना था, हमारे सामने गरीबी, अशिक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे एक समान मुद्दे थे.
खान ने आगे कहा कि हमने इस संबंध में भारत के प्रधानमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं आई. हमें लगा कि भारत में चुनाव हैं और बीजेपी उग्र राष्ट्रवादी पार्टी है, इसलिए हमने चुनाव खत्म हो जाने का इंतजार किया.
इमरान खान ने आगे कहा कि इस बीच पुलवामा हो गया और भारत ने इसकी जिम्मेदारी हमारे ऊपर डाल दी. हमने भारत से कहा कि अगर वो इस घटना का एक भी सबूत हमें दे तो हम कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं. लेकिन ऐसा करने की जगह भारत ने हमारे यहां फाइटर्स प्लेन भेजे. बदले में हमें भी कार्रवाई करनी पड़ी.
उन्होंने कहा कि हमने भारत के दो फाइटर्स प्लेन को गिरा दिया और उनके एक पायलट को अपने कब्जे में ले लिया, लेकिन हमने शांति के संदेश के तौर पर पायलट को तुरंत वापस लौटा दिया. हम किसी भी तरह का युद्ध नहीं चाहते थे.
खान ने कहा कि भारत में चुनाव के बाद हमने एक बार फिर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन हमने महसूस किया कि भारत का कुछ अलग ही एजेंडा है, भारत ने हमें ब्लैक लिस्ट कराने की कोशिश की. इसी एजेंडे के तहत भारत ने पांच अगस्त को कश्मीर से उसके विशेषाधिकार छीनकर पूरे राज्य में कर्फ्यू लगा दिया.
इमरान खान ने कहा कि भारत की सरकार, जो बीजेपी के नेतृत्व में है, उसका मातृ संगठन आरएसएस हिटलर से प्रेरित है और इसी विचारधारा के तहत कश्मीर से उसके विशेषाधिकार छीने गए.
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस भारत से मुसलमानों के खात्मे की विचारधारा में विश्वास रखता है और इसी विचारधारा ने महान महात्मा गांधी की हत्या की. इसी विचारधारा को मानने वाले नरेंद्र मोदी ने 2002 में गुजरात में मुस्लिमों का नरसंहार कराया.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए आरएसएस के गुंडों को तीन दिन की छूट दी कि वे मुसलमानों का नरसंहार कर सकें और औरतों का बलात्कार कर सकें.
इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है वो इसी विचारधारा के तहत हो रहा है. कश्मीर के लोगों को भारत के नौ लाख सैनिकों ने दबा रखा है.
खान ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी को यह अहसास नहीं है कि जब कर्फ्यू हटाया जाएगा तो क्या होगा. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हो रहे दमन के बाद जब कर्फ्यू हटेगा तो बड़े स्तर पर खून खराबा होगा और इससे स्थितियां और बिगड़ेंगी. पुलवामा जैसी घटनाओं के होने की आशंका और बढ़ जाएगी.
इमरान खान ने कहा कि भारत और पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश हैं और ऐसे में किसी भी तरह के युद्ध के परिणाम बहुत गहरे हैं क्योंकि परमाणु युद्ध का असर केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहता है.
उन्होंने कहा कि ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस तनाव को रोके और अपनी स्थापना के लक्ष्य को पूरा करे.
इमरान खान ने वैश्विक टैक्स चोरी पर महासभा का ध्यान खींचा.
उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी से विश्व के विकासशील देश और गरीब होते जा रहे हैं. इससे आर्थिक असामनता बढ़ रही है. विकासशील देशों का सभ्रांत शासक वर्ग टैक्स चोरी करके लूट मचा रहा है.
इमरान खान ने कहा कि ये पैसा आम जनता की भलाई के लिए प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन टैक्स चोरी करने वालों को बचाने के लिए कानून मौजूद हैं और हमारे पास उन कानूनों से लड़ने की क्षमता नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में पश्चिमी देशों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो इसमें हमारी मदद करें क्योंकि बढ़ती हुई आर्थिक असमानता से आने वाले भविष्य में बहुत बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.