इंफोसिस संकट: अमेरिकी नियामक ने आरोपों की जांच शुरू की, सेबी ने मांगी और जानकारी


in infosys class action suit US SEC starts probe into whistleblower allegations Sebi seeks more info

  इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि

दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. अमेरिका के शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने गड़बड़ी का खुलासा करने वाले व्हिसिलब्लोअर की कंपनी में अनैतिक कामकाज की शिकायत की जांच शुरू कर दी है.

भारत के बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगी है जबकि राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) से भी मामले को देखने के लिए कहा गया है.

बंबई शेयर बाजार ने बुधवार को इंफोसिस से व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बारे में खुलासा नहीं करने पर स्पष्टीकरण मांगा था.

गुरुवार को बीएसई को दिए जवाब में इंफोसिस ने कहा , ”कंपनी एसईसी के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में है. हमें ज्ञात हुआ है एसईसी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. कंपनी एसईसी को जांच में पूरा सहयोग करेगी.”

कंपनी ने कहा कि वह अमेरिका में उसके खिलाफ प्रतिभूति से जुड़े एक कानूनी वाद के बारे में सजग है. कंपनी अदालत में इस कानूनी वाद में अपना मजबूती से बचाव करेगी.

अमेरिका की रोजेन लॉ फर्म ने अमेरिका में इंफोसिस के निवेशकों को हुए नुकसान की वसूली के लिए एक कानूनी वाद पहले से दायर किया हुआ है.

इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों में से एक को शिकायतें मिली थीं. व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को कंपनी की ऑडिट समिति के समक्ष 10 अक्टूबर को रखा गया था. बाद में इसे 11 अक्टूबर को निदेशक मंडल के गैर-कार्यकारी सदस्यों के समक्ष रखा गया.

उन्होंने बताया था कि खुद को ‘ नैतिक कर्मी ‘ बताने वाले कंपनी के एक व्हिसिलब्लोअर समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए ‘अनैतिक कामकाज’ में लिप्त होने का आरोप लगाया है. उनकी इस शिकायत पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई की गई है.

नीलेकणि ने कहा कि भले ही उन्हें इस संबंध में कोई ईमेल या वॉयस रिकॉर्डिंग अब तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन आरोपों की जांच हो. स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए सीईओ और सीएफओ को मामले से दूर रखा गया है.

शिकायतें सामने आने के बाद मंगलवार को इंफोसिस के शेयर 16 प्रतिशत से अधिक (643.30 रुपये) गिर गया था और उसके बाजार पूंजीकरण में 53,450.92 करोड़ रुपये की कमी आई थी. बुधवार को शेयर 1.16 प्रतिशत सुधरकर 650.75 रुपये पर बंद हुआ. हालांकि बृहस्पतिवार को ये 2.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 635.40 रुपये पर बंद हुआ.


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