सरकार और कारोबारी समुदाय के बीच बढ़ रहा अविश्वास: अजय पिरामल
पिरामल समूह के प्रमुख और जानेमाने उद्योगपति अजय पिरामल ने कारोबारियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की ओर से छापेमारी और लुकआउट नोटिस जारी किए जाने के मामलों की रफ्तार बढ़ने की आलोचना की और कहा कि इससे कारोबारी समुदाय के मन में अविश्वास बढ़ रहा है.
अजय पिरामल ने वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम में कहा, “आज मैं देख रहा हूं कि सत्ता में बैठे लोग और पूंजी सृजनकर्ताओं (कारोबारी एवं निवेशकों) के बीच अविश्वास बढ़ रहा है, दूरियां आ रही हैं.”
हालांकि उन्होंने जापानी निवेशक सॉफ्टबैंक के उनकी एनबीएफसी कंपनी के साथ प्रस्तावित सौदे से पीछे हटने की खबरों पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया.
पिरामल ने यह बात ऐसे समय कही है जब एलएंडटी के नाइक समेत अन्य कारोबारी भी चिंता जता चुके हैं. हालांकि , कॉरपोरेट कर में कटौती से कारोबार को लेकर आशा बढ़ी है.
हाल ही में नियामक और जांच एजेंसियों ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को विदेश जाने से रोका दिया. वहीं, वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तकों के यहां छापेमारी हुई है.
उन्होंने जोर देकर कहा, “यदि आप पर कोई अपराध करने का आरोप है तो क्या जरूरत है कि उसे अपराधी ठहराया जाये या अपराधीकरण किया जाए? जब पहले से ही काफी सूचनाएं उपलब्ध हैं, आंकड़े उपलब्ध हैं, तो क्या छापेमारी की जरूरत है? लुकआउट नोटिस जारी करने की जरूरत है? यह किसी भी कारोबारी के लिए सकारात्मक संकेत नहीं है.”
उन्होंने कहा कि “जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि धन-सृजन करने वालों को वह सम्मान मिले, जिसके वे हकदार हैं.”
कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ ने कर संग्रह करनेवाली संस्थाओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उन्होंने वित्तीय संकट से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए गए अपने भाषण में कहा, “पूंजी का निर्माण देश की सबसे बड़ी सेवा है. हमें पूंजी निर्माताओं को शक की नजर से नहीं देखनी चाहिए. जबतक पूंजी का निर्माण नहीं होता है तबतक इसे बांटा नहीं जा सकता है. पूंजी निर्माण बेहद जरूरी है. जो पूंजी का निर्माण कर रहे हैं वह भारत की पूंजी हैं हमें उनका सम्मान करना चाहिए.”
टैक्स की चोरी के कथित मामलों में लगातार छापेमारी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एजेंसियों के साथ बैठक में ‘थोड़ी दूरी बनाने’ और ‘अति उत्साह’ से बचने की सलाह दी है.
पिरामल समूह दवाई, वित्त और रियल एस्टेट क्षेत्र की अग्रणी संस्था है. समूह का 1,000 करोड़ डॉलर का कारोबार है.
अजय पिरामल ने कहा कि कारोबार के लिए पूंजी जुटाना बड़ी चुनौती बन गई है. इससे पहले सरकार और आरबीआई ने नगदी की समस्या के खत्म होने की बात कही थी.
इससे पहले देश के कई कारोबारी मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठा चुके हैं.
आदि गोदरेज ने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में एक कार्यक्रम में कहा था कि देश में असहिष्णुता और घृणा अपराधों की वजह से आर्थिक उन्नति कमजोर पड़ सकती है.
अगस्त महीने की शुरुआत में लार्सन एंड टूर्बो के चेयरमैन एएम नाइक ने सरकार से प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने के लिए निर्णय में तेजी लाने को कहा था.
बिकॉन की प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार ने अर्थव्यवस्था की विकास दर के छह साल में सबसे नीचे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
उन्होंने कहा, “यह चौंका देने वाला है, कोई भी इतना नीचे जाने की बात नहीं सोची थी. अगर यह आर्थिक आपातकाल के संकेत नहीं हैं तो और क्या है?
उन्होंने ई-सिगरेट बैन किए जाने पर कहा था कि अर्थव्यवस्था की अपनी जिम्मेदारी को देखने के बजाय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य(और परिवार कल्याण) मंत्रालय के कामों में उलझी हुईं हैं.