भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 29 अमेरिकी उत्पादों पर बढ़ाया आयात शुल्क
भारत ने अमेरिका से आयात होने वाले 29 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. ये टैरिफ दरें आगामी 16 जून से लागू होंगी. भारत के इस कदम से दोनों देशों के बीच टैरिफ दरों को लेकर चल रहा तनाव और बढ़ने की आशंका है.
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में भारत को मिले विशेषाधिकार व्यापार ट्रीटमेंट को खत्म करने की घोषणा की थी. इसके बाद जीएसपी के तहत भारतीय उत्पादों को अमेरिकी आयात में मिलने वाली छूट को पांच जून से खत्म कर दिया गया था.
अमेरिका के इसी फैसले के जवाब में अब भारत सरकार ने बादाम, अखरोट और दालों समेत 29 अमेरिकी वस्तुओं पर 16 जून से जवाबी आयात शुल्क लगाने का निर्णय किया है. इससे पहले सरकार इसे लागू करने की समयसीमा को कई बार बढ़ा चुकी है.
सरकार के इस कदम से इन 29 वस्तुओं का निर्यात करने वाले अमेरिकी निर्यातकों को अब ऊंचा शुल्क चुकाना होगा. इससे देश को 21.7 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.
मिंट अखबार ने अधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है, “इन दरों को लागू करने वाली समय-सीमा शनिवार रात खत्म होने वाली थी, जिसके बाद अपने आप ही बढ़ी दरें लागू हो जातीं. ये दरें अमेरिका की स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ वृद्धि के जवाब में हैं, ना कि भारतीय उत्पादों के लिए जीएसपी प्रावधान खत्म करने के.”
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने उच्च शुल्क लागू करने के फैसले से अमेरिका को अवगत करा दिया है.
अमेरिका ने पिछले साल मार्च में इस्पात उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर 25 फीसदी और एल्युमीनियम उत्पादों पर 10 फीसदी कर दिया था. भारत इन उत्पादों का एक बड़ा निर्यातक देश है.
शुल्क बढ़ाने से भारतीय इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादकों पर 24 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त बोझ पड़ा था. भारत हर साल अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर के इस्पात और एल्युमीनियम उत्पाद का निर्यात करता है.
इसके जवाब में भारत ने 20 जून 2018 को 23.5 करोड़ रुपये के अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया था. हालांकि तब से इसे लागू करने की समयसीमा को कई बार आगे खिसकाया गया, क्योंकि सरकार को उम्मीद थी कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार पैकेज की बातचीत में किसी समाधान को खोज लिया जाएगा.
लेकिन अमेरिकी सरकार के भारतीय निर्यातकों को तरजीह देने की सामान्य प्रणाली (जीएसपी) में निर्यात छूट खत्म करने के निर्णय के बाद यह बातचीत रुक गई.
जेएनयू में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विश्वजीत धर कहते हैं कि दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर तनाव होना ही था.
उन्होंने कहा, “ट्रंप भारतीय बाजार में अपनी पहुंच चाहते हैं और वे सिर्फ जीएसपी खत्म करके रुकने वाले नहीं हैं. लेकिन मुझे खुशी हुई कि भारत ने जवाब दिया है, इससे पहले अब तक गलत संदेश जा रहा था. अब दोनों पक्ष बराबरी के साथ बैठकर बातचीत कर सकते हैं.”
भारत की ये कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब जी-20 की बैठक 28-29 जून को जापान में होने जा रही है. ट्रंप अकसर भारत को टैरिफ किंग कहते रहे हैं. वे हर्ले-डेविडसन बाइक पर लगने वाले 50 फीसदी आयात कर पर सवाल उठाते रहे हैं.