जी-20 सम्मेलन में भारत करेगा इन समझौतों का विरोध
अमेरिका जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत जी-20 के कुछ देश आगामी सम्मेलन में नए व्यापार समझौतों को अंजाम देने की कोशिश में हैं. इसमें सूचना प्रवाह को लेकर ढील देने संबंधित समझौता. और ई-कॉमर्स को लेकर नया समझौता शामिल है. लेकिन भारत सहित कुछ अन्य विकासशील देश इन समझौतों का विरोध कर सकते हैं.
अंग्रेजी अखबार मिंट में छपी खबर के मुताबिक इस हफ्ते के अंत में जापान में होने वाले जी-20 सम्मेलन में भारत इनके विरोध में अपना पक्ष रख सकता है.
जापान में होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश के नए व्यापार मंत्री पीयूष गोयल भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे. खबरों के मुताबिक गोयल इस दौरान ई-कॉमर्स और अन्य व्यापार मुद्दों को लेकर भारत का पक्ष रखेंगे और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूडीओ) में सुधार की वकालत करेंगे.
इस जी-20 सम्मेलन में विकासशील देशों के व्यापार मंत्री जापान, अमेरिका और दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा प्रस्तावित असंतुलित व्यापार समझौतों का विरोध करेंगे.
डब्ल्यूटीओ में होनो वाले इन सुधारों को लेकर विकासशील देश काफी चिंतित हैं. एक मंत्री ने नाम ना बताए जाने की शर्त पर कहा कि इस समझौते में विकासशील देशों के हितों को नजरंदाज किया गया है.
मिंट ने मंत्री के हवाले से लिखा है कि इस सम्मेलन में पीयूष गोयल को देश के विकास आयामों को विश्व व्यापार में बचाने के लिए आगे आना होगा. मंत्री ने कहा कि विशेषकर डिजिटल क्षेत्र में डाटा के इस्तेमाल को लेकर विकासशील देशों को सावधान रहना होगा.
जापान इस सम्मेलन में ‘डाटा फ्री फ्लो विथ ट्रस्ट’ को लागू करवाने के प्रयास में है. इस समझौते में सूचना के प्रवाह को लेकर प्रावधान हैं. जिनके तहत सीमा के आर-पार सूचना के प्रवाह के नियमों में बदलाव होने हैं. इस प्रकार के डाटा में निजी सूचना और विदेशों में स्थापित सर्वर की सूचना से संबंधित नियम भी शामिल हैं.
26 अप्रैल को दिए गए प्रस्ताव में जापान ने कहा था, “हर सदस्य देश को सीमा पार सूचना के आवागमन को अनुमति देनी चाहिए, इसमें निजी सूचना भी शामिल होनी चाहिए.”
जापान ये भी चाहता है कि डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों में व्यापार के लिए वहां के नागरिक को ऑपरेटर के तौर पर शामिल किए जाने की अनिवार्य शर्त नहीं होनी चाहिए.
जापान का डिजिटल एजेंडा लगभग अमेरिका की उस मांग के अनुरूप है जिसमें वो भारत सहित कई देशों से मांग करता रहा है कि वे उसे क्लाउड कंप्यूटिंग की इजाजत दें.
उधर ई-कॉमर्स को लेकर भी जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर एकजुट हैं. ये इसको लेकर डब्ल्यूटीओ की नियमावली में परिवर्तन करना चाहते हैं.
सूचना के प्रवाह को लेकर भारत का इन विकसित देशों से सीधा टकराव है. भारत सरकार अपने नागरिकों की सूचना को अपने विकास कार्यों में ही इस्तेमाल करना चाहती है ना कि किसी और देश के साथ इसे साझा करना.