5जी और डाटा लोकलाइजेशन के मामले में विकासशील देशों के साथ आया भारत


India with BRICS countries in terms of 5G and data localization

 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई बातचीत में डाटा संग्रह और 5जी के मुद्दे पर बात नहीं बनी है. भारत ने इन दोनों मुद्दों पर जापान-अमेरिका के बजाय ब्रिक्स देशों (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं के साथ जाने के संकेत दिए हैं.

भारत कहा कि डेटा नये प्रकार का धन है और इसके लिए विकासशील देशों की जरूरतों का ध्यान रखा जाना चाहिए.

अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध को देखते हुए ब्रिक्स नेताओं ने पारदर्शी, भेदभाव रहित, खुले, मुक्त एवं समावेशी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिये प्रतिबद्धता जाहिर की.

उन्होंने माना कि संरक्षणवाद और एकतरफा निर्णय विश्व व्यापार संगठन के नियमों के प्रतिकूल है.

भारत और ब्रिक्स समूह के अन्य देशों का मानना है कि डेटा का विषय बहुपक्षीय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के दायरे में ही लिया जाना चाहिए न कि उसके बाहर.

विदेश सचिव ने कहा कि ‘‘डेटा के मामले में विकासशील देशों की जरूरत का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. यह एक नए प्रकार की सम्पत्ति है.’

भारत का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत जैसे देशों में खरीद फरोख्त और भुगतान का देश का डेटा देश के अंदर ही संग्रहीत करने और डिजिटल व्यापार पर शर्तें लगाने की नीतियों को विरोध किया है.

ट्रम्प ने जी20 के उद्घाटन सत्र में कहा कि अमेरिका डाटा को स्थानीय स्तर पर रखने की अनिवार्यता के खिलाफ है. कई अमेरिकी कंपनियों को लगता है कि डेटा को स्थानीय स्तर पर रखने से उनकी लागत बढ़ेगी.

गूगल, मास्टरकार्ड, वीजा और अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियां भारत समेत दुनियाभर में डेटा के स्थानीयकरण के खिलाफ लॉबिंग कर रही हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के बीच इंटरफेस के महत्व को रेखांकित करता है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम विकास में डेटा की भूमिका पर भी जोर देते हैं. हमारे दृष्टिकोण से डेटा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके ऊपर हम घरेलू स्तर पर भी ध्यान दे रहे हैं जब कि अंतराष्ट्रीय नियम बनाने का की प्रक्रिया भी चल रही है.’’

5जी नेटवर्क पर अमेरिका के साथ सहयोग

5जी नेटवर्क को लेकर डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दरम्यान चीन की कंपनी हुवेई के बारे में बात करेंगे. लेकिन दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद इस बारे में कोई बयान मीडिया में नहीं आया है. भारत ने 5जी नेटवर्क के मामले में सिर्फ अमेरिका से सहयोग की बात कही है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जी5 दूरसंचार नेटवर्क के लचीलेपन और सुरक्षा पर भी बल दिया. उन्होंने कहा, ‘ हमारे लिए अपने जी5 नेटवर्कों की के लचीलेपन और सुरक्षा को सुनिश्वत करना जरूरी है. साझा सुरक्षा और समृद्धि के लिए यह जरूरी है.”

गोखले ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप हमारे साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं. इस मामले में तकनीकी स्तर पर बैठकों के माध्यम से बातचीत जारी रखने के साथ-साथ दोनों देशों की ओर से विदेश मंत्रियों, प्रौद्योगिकी मंत्रियों और सचिवों के स्तर पर भी बातचीत करते रहने का फिर से फैसला लिया गया.

गोखले ने कहा कि जिस रास्ते हिंदुस्तान चलेगा या जो चुनाव वह करेगा निश्चित तौर पर इससे वैश्विक रुख भी तय होगा. इसलिए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम आपस में सहयोग करें.’ ऐसे में भारत और अमेरिका को देखना है कि वे एक अरब भारतीय उपयोक्ताओं, स्टार्टअप या डिजाइन के प्रौद्योगिकी विकास में भारत की क्षमता और 5जी प्रौद्योगिकी के विकास में इसकी भूमिका का साझा लाभ कैसे उठा सकते हैं.

भारत समेत सभी ब्रिक्स देशों ने बढ़ते संरक्षणवाद के मद्देनजर पारदर्शी, भेदभाव रहित तथा उदार एवं समावेशी अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटी) की व्यवस्था के अनुरूप नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की वकालत की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमर ने ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की. इन नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति, सुरक्षा और वैश्विक आर्थिक-वित्तीय दिक्कतों समेत टिकाऊ विकास के समक्ष आ रही चुनौतियों पर चर्चा की.

ब्रिक्स नेताओं ने कहा, ‘‘वैश्विक असंतुलन बने हुए हैं और ये बड़े असंतुलन हैं. इनकी पूरी निगरानी एवं समय पर नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है. हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार की मजबूत वृद्धि के लिये अनुकूल वैश्विक आर्थिक माहौल के महत्व पर जोर देते हैं.’’


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