विदेशी बाजार में बॉन्ड बेचने की सरकारी योजना जोखिम भरी: रघुराम राजन
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि विदेशी बाजार में सरकारी बॉन्ड बेचकर पैसे जुटाने की योजना से कोई वास्तविक लाभ नहीं होने वाला है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यह योजना जोखिम भरी है.
उन्होंने कहा, “विदेश में सरकारी बॉन्ड बेचने से घरेलू सरकारी बॉन्ड की मात्रा में कमी नहीं आएगी. इन सरकारी बॉन्ड की बिक्री घरेलू बाजार में करनी है. सरकार को निवेशकों के उस रुख की चिंता करनी चाहिए जिसमें वे अर्थव्यवस्था के ऊपर उठने पर तो खूब निवेश करते हैं, लेकिन मंदी आते ही निवेश करना बंद कर देते हैं.”
दरअसल, अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती के बाद सरकार के सामने फंड जुटाने के सीमित विकल्पों के चलते विदेशों में सरकारी बॉन्ड बेचकर पैसे जुटाने की योजना बनाई गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में इस योजना के बारे में बताया था. विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया था. वहीं इस वित्त वर्ष में सरकार द्वारा सात लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना को लेकर निवेशक चिंतित हैं.
रघुराम राजन ने कहा, “इस योजना में अगर शुरुआत में कम बॉन्ड का जारी होना भी दिक्कत भरा है. चिंता इस बात को लेकर है कि अगर एक बार सरकार ने विदेशी बाजार में बॉन्ड बेचना शुरू किया तो आगे चलकर सरकार बहुत ज्यादा बॉन्ड बेचने के लिए आकर्षित होगी. यह बहुत खतरनाक है. सभी तरह की लत छोटे स्तर से ही शुरू होती हैं.”
आरबीआई के तीन पूर्व अधिकारियों ने भी केंद्र सरकार की इस योजना का विरोध किया है. उनका कहना है कि अभी इस योजना को लागू करने का वक्त नहीं है, क्योंकि भारत बड़े बजट घाटे से जूझ रहा है. भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 3.3% तय किया है, जो फरवरी में अंतरिम बजट में तय 3.4% के लक्ष्य से कम है.