इजराइल: शुरुआती रुझानों में नेतन्याहू को धक्का, स्पष्ट बहुमत के आसार नहीं
इजराइल में हुए चुनावों के अंतिम परिणाम आने अभी बचे हुए हैं लेकिन शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि लंबे समय से प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू चुनाव हार सकते हैं.
हालांकि ये जरूर लग रहा है कि ना ही नेतन्याहू और ना ही उनके मुख्य प्रतिद्वंदी पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गांत्ज को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है. बेनी गांत्ज मध्यमार्गी है.
इरराइल के संसद में 120 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए उस हिसाब से 61 सीटों की जरूरत पड़ेंगी. फिलहाल ये संख्या बल अब किसी भी पार्टी को सीधे तौर पर हासिल होता हुआ नहीं दिख रहा है.
इसका मतलब है कि अब सरकार बनाने को लेकर सारी कोशिशें मिलने वाले वोट प्रतिशत के भरोसे ना रहकर गठबंधन की कवायद पर निर्भर करेंगी.
इससे पहले इजराइल के नागरिकों ने पांच महीने में दूसरी बार हुए आम चुनाव में वोट डाले. इस चुनाव को मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व पर एक जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है.
चुनाव में करीब 63 लाख योग्य मतदाता हैं. अप्रैल के चुनावों में 120 सदस्यीय संसद में 61 सदस्यों का गठबंधन बनाने में नेतन्याहू (69) के नाकाम रहने के चलते मध्यावधि चुनाव की जरूरत पड़ी.
केंद्रीय चुनाव समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओर्ली अदास ने कहा, “नौ अप्रैल के चुनाव के बाद से अब तक संक्षिप्त अवधि में योग्य मतदाताओं की संख्या में एक फीसदी की वृद्धि हुई है.”
इस चुनाव को नेतन्याहू के लिए सबसे कड़ी राजनीतिक चुनौती के तौर पर और उनके 10 साल के निर्बाध नेतृत्व के भविष्य में भी जारी रहने के लिए इसे एक जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है.
इस चुनाव में दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के नेता एवं इजराइल के सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री नेतन्याहू का मुकाबला पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गांत्ज के साथ है, जो मध्यमार्गी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से हैं. पिछले कई बरसों में नेतन्याहू के वह सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं.