जम्मू-कश्मीर: तो जून में होंगे विधानसभा चुनाव?
निर्वाचन आयोग ने कुछ दिन पहले स्पष्ट किया था कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से विधानसभा चुनाव आम चुनाव के साथ नहीं कराए जाएंगे. हालांकि दोनों चुनाव साथ कराने को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सहमति थी और इस कारण आयोग को सार्वजनिक दायरों में काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा था.
अब खबर है कि मई में आम चुनाव खत्म होने के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव जून में कराए जा सकते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को राज्य में रमजान के महीने के बाद और अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न कराने के सुझाव दिए हैं.
खबर के मुताबिक, 26 फरवरी को गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में सुझाव दिया है कि “राज्य में दोनों चुनाव एक साथ कराने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जरुरत होगी. फिलहाल स्थितियों को देखते हुए यह संभव नहीं है. ऐसे में लोकसभा चुनाव को अपने निर्धारित समय पर संपन्न करने के तुरंत बाद राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं.”
मंत्रालय ने पत्र में 22 फरवरी को राज्य सरकार की ओर से मिले सुझावों का हवाला देते हुए लिखा कि 5 मई से 4 जून तक रमजान का त्यौहार मनाया जाएगा और दूसरी तरफ 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा की भी शुरुआत होगी. ऐसे में चुनाव आयोग को सुझाव दिए गए हैं कि घाटी में विधानसभा चुनाव जून के महीने में ही संपन्न करा दिए जाएं.
जम्मू-कश्मीर में छह महीने का राज्यपाल शासन पूरा होने के बाद दिसंबर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. नियमों के अनुसार राज्य में सरकार भंग होने के छह महीने के भीतर ही विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जानी चाहिए. इस लिहाज से राज्य में 3 जुलाई को खत्म होने जा रहे राष्ट्रपति शासन से पहले विधानसभा चुनाव कराए जाने जरूरी हैं.
ऐसे में अगर जून में जल्द ही चुनाव कराए जाते हैं तो राज्य में प्रतिनिधित्व नकार दिए जाने की आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र के लिए भी ये राहत की बात होगी.