मोदी-शी की बातचीत में कश्मीर का जिक्र नहीं हुआ: विदेश सचिव
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत वुहान शिखर सम्मेलन के बाद की प्रगति पर केंद्रित रही और अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में ना तो कश्मीर मुद्दा उठा और ना ही इस पर कोई चर्चा हुई.
विदेश सचिव ने बताया ”शी और मोदी दोनों ने ही कहा कि दोनों देशों को भविष्य की ओर देखने की जरूरत है. साथ ही दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि दोनों देशों को आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए साथ काम करना चाहिए.”
गोखले ने यह भी बताया कि इस अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में शी ने आश्वासन दिया कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर भारत की चिंताओं पर विचारविमर्श किया जाएगा.
उन्होंने मामल्लापुरम में संवाददाताओं को बताया कि मोदी – शी की बातचीत मुख्यत: वुहान शिखर सम्मेलन के बाद की प्रगति पर केंद्रित रही.
शी, मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए 11 अक्टूबर को करीब 24 घंटे के भारत दौरे पर आए, जिसकी शुरुआत तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मामल्लापुरम में हुई. दोनों की इस प्रकार की पहली वार्ता पिछले साल वुहान में हुई थी.
गोखले के अनुसार, राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन व्यापार घाटा कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की खातिर तैयार है.
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि व्यापार और निवेश संबंधी मुद्दों के लिए एक नई प्रणाली स्थापित की जाएगी.
गोखले ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत के बारे में बात की और आश्वासन दिया कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर भारत की चिंताओं पर विचारविमर्श किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नियम आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली के महत्व पर जोर दिया. साथ ही दोनों नेताओं ने महसूस किया कि दोनों देशों को महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दूसरे दिन 12 अक्टूबर को इस तटीय शहर मामल्लापुरम में अनौपचारिक शिखर वार्ता फिर शुरू की.
दोनों नेताओं के बीच यह शिखर वार्ता ऐसे समय में हुई जब जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के भारत के फैसले पर दो एशियाई देशों के बीच तनाव कायम है.