केरल: बारिश ने ली 22 की जान, सरकार ने सेना, वायुसेना से मदद मांगी
फाइल फोटो
केरल के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. बारिश ने अब तक प्रदेश में 22 लोगों की जान ले ली है और 22,000 से अधिक लोगों को राहत केंद्रों में शरण लेनी पड़ी है.
केरल में पिछले वर्ष भारी बारिश के कारण काफी तबाही मची थी और इस वर्ष भी यहां प्रकृति का कहर जारी है जिससे राज्य सरकार ने सेना और वायुसेना से मदद मांगी है.
भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से कुछ इलाकों में रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं जबकि वायनाड, मलप्पुरम, कन्नूर , इडुक्की और मध्य केरल में उफनती नदियों के कारण बाढ़ आ गई है.
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पानी भर जाने के कारण रविवार तक हवाई सेवा बंद कर दी गई थी. यह पिछले वर्ष अगस्त की याद दिलाता है जब बाढ़ के कारण इसे एक पखवाड़े के लिए बंद करना पड़ा था.
राज्य के 14 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है जिनमें वायनाड, मलप्पुरम, कन्नूर और इडुक्की सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं और यहां सभी शैक्षणिक संस्थान शनिवार तक बंद रहेंगे.
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने हालात की समीक्षा के लिए शुक्रवार सुबह एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के कारण 22 लोगों की मौत हुई है. विजयन ने बताया कि 24 स्थानों पर भूस्खलन हुआ है.
उन्होंने कहा, “वायनाड में गुरुवार शाम को सबसे बड़ा भूस्खलन हुआ था. वायनाड के मेप्पाडी में दो पर्वतीय क्षेत्रों के बीच का इलाका पूरी तरह बह गया.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने भारतीय वायु सेना से सहायता मांगी है. एनडीआरएफ, पुलिस, दमकल कर्मी और वन अधिकारी बचाव अभियान में जुटे हैं.
विजयन ने बताया कि बाढ़ के कारण वायनाड के मेप्पाडी और मलप्पुरम के नीलाम्बुर सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं.
रक्षा सूत्रों के मुताबिक मेप्पाडी में भूस्खलन के कारण घर पूरी तरह बर्बाद हो गए और करीब 150 लोग इसमें फंसे हुए हैं जिन्हें बाहर निकाला जाना है.
प्रतयक्षदर्शी बीजू ने कहा कि भूस्खलन में मजदूरों की कैंटीन और आवास भी नष्ट हो गए. नौ जख्मी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मलप्पुरम जिले के इडवान्ना में शुक्रवार को एक घर ढह जाने के कारण एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई.
स्थानीय लोगों ने बताया कि मलप्पुरम जिले के केवलपारा में बृहस्पतिवार की रात फिर से भूस्खलन हुआ जिसमें कम से कम 30 घर प्रभावित हुए हैं.
राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन ने संवाददाताओं से कहा कि भोपाल और तमिलनाडु के वेलिंगटन से रक्षाकर्मी बचाव कार्य में सहयोग करने के लिए राज्य में पहुंच रहे हैं.
बचाव अभियान में मदद करने के लिए एनडीआरएफ कर्मियों की 13 टीम और करीब 180 सैन्य अधिकारी पहले ही राज्य में पहुंच गए हैं.
कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान ने कहा कि अगर सीआईएएल हवाई अड्डा लंबे समय तक बंद रहता है तो छोटे व्यावसायिक वाहनों की उड़ान के लिए वह अपना हवाई अड्डा खोलने के लिए तैयार है.