श्रीलंका में हुए हमलों की दुनिया भर के नेताओं ने की निंदा
श्रीलंका में रविवार को एक के बाद अब तक हुए आठ बम विस्फोटों की दुनिया भर के नताओं ने निंदा की है. श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर रविवार को तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में हुए विस्फोटों में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और 500 से अधिक घायल हुए हैं.
श्रीलंका में हुआ यह हमला अभी तक का सबसे घातक हमला है. घायलों में अमेरिका, ब्रिटिश और डच नागरिक शामिल हैं. अस्पताल से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि बम विस्फोटों में घायल हुए लोगों में जापानी नागरिक भी शामिल हैं.
आर्कबिशप मिशेल औपेटिट ने हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया, “उस दिन इतनी नफरत क्यों, जब हम प्यार का जश्न मनाते हैं? ईस्टर के दिन… हम श्रीलंका में मारे गए हमारे भाइयों के साथ हैं.”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत श्रीलंका की जनता के साथ है.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “श्रीलंका में हुए भयावह विस्फोटों की निंदा करता हूं. हमारे क्षेत्र में इस प्रकार की बर्बरता के लिए कोई स्थान नहीं है.”
मोदी ने कहा, “मारे गए लोगों के परिजन के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं और घायलों के लिए हमारी प्रार्थनाएं हैं.”
वहीं पाकिस्तान के विदेश दफ्तर के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान, श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है.
उन्होंने ट्वीट किया, “पाकिस्तान, श्रीलंका में गिरजाघरों और होटलों में विस्फोट और आतंकवादी हमले की निंदा करता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं और भारी नुकसान हुआ है. पाकिस्तान के लोग एवं सरकार दुख की इस घड़ी में श्रीलंका की सरकार और लोगों के साथ खड़े हैं और आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं.”
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने भी इस हमले की निंदा की है.
अर्डर्न ने कहा, “न्यूजीलैंड सभी आतंकवादी कृत्यों की निंदा करता है और हमारी सरजमीं पर हुए हमले के बाद हमारा यह संकल्प और दृढ़ हो गया है.”
श्रीलंका हुए हमलों की निंदा करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने इसे ‘भयावह’ करार दिया.
उन्होंने ट्वीट किया, “श्रीलंका में गिरजाघरों और होटलों का निशाना बनाने वाले हिंसक कृत्य वास्तव में भयावह है और इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.”
उन्होंने लिखा, “हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एकसाथ आना चाहिए कि किसी को कभी भी अपने धर्म का पालन डर के साए में ना करना पड़े.”
डच प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने कहा, “श्रीलंका से गिरजाघरों और होटलों पर खूनी हमले की भयावह खबरें आ रही हैं.”
यरूशलम में जारी एक बयान में कहा गया है कि धमाके दुखी करने वाले हैं क्योंकि इन्हें ऐसे वक्त पर अंजाम दिया गया जब इसाई ईस्टर मना रहे थे.
बयान में कहा गया, “हम हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ होने की कामना करते हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आतंकियों को इन हत्याओं और भय पैदा करने से तौबा की प्रेरणा दे.”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने श्रीलंका के अपने समकक्ष को भेजे शोक संदेश में कहा कि मॉस्को “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार बना रहेगा.”
उन्होंने कहा कि रूस के लोग “मृतकों के परिजन के दुख में शामिल हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.”
यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग के प्रमुख, ज्यां-क्लाउड जंकर ने कहा कि उन्हें भयावह और दुखद बम विस्फोट की जानकारी मिली है.
तीन खाड़ी अरब राष्ट्रों ने भी हमले की निंदा की है. बहरीन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात सभी ने अपने विदेश मंत्रालयों के जरिए बयान जारी कर हमले की निंदा की है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन ने श्रीलंका में हुए हमलों की निंदा करते हुए इसे “समूची मानवता पर हमला” करार दिया है.