महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, शिवसेना ने SC में डाली अर्जी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी सिफारिश केंद्रीय कैबिनेट को भेजी थी. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी.
राज्यपाल ने कहा कि यह जानने के बाद कि संवैधानिक तरीके से राज्य में सरकार बनने का कोई संभावना नहीं है, राष्ट्रपति शासन लगाने की रिपोर्ट सौंपी है.
दूसरी तरफ राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. शिवसेना ने कहा है कि राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए केवल 24 घंटे दिए जबकि बीजेपी को 48 घंटे दिए थे.
इधर कांग्रेस ने राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की निंदा की है. कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल ने सरकार गठन के सभी विकल्प अपनाए बिना राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके जल्दबाजी दिखाई.
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने मुंबई में पत्रकारों से कहा, ‘मैं इस कार्रवाई की निंदा करता हूं, जो सभी विकल्प अपनाए बिना जल्दबाजी में की गई. यह राज्यपाल की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है. इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या राज्यपाल दबाव में काम कर रहे हैं.’
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता विजय वदेत्तीवार ने कहा राष्ट्रपति शासन सरकार गठन की राह में रोड़ा नहीं बनेगा.
उन्होंने कहा, ‘जब तीनों दलों (कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना) ने यह दर्शा दिया था कि उनके पास 144 से अधिक विधायकों का समर्थन है तो राज्यपाल को हमें सरकार गठन का न्योता देना चाहिये था.
कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी इस तरह के विचार साझा करते हुए कहा, ‘एक बार हमारे पास समर्थन के पत्र आ जाएं, तो राष्ट्रपति शासन हटा दिया जा सकता है.’
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि राज्यपाल को हमारी पार्टी को सरकार बनाने की ‘इच्छा और क्षमता’ दिखाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था.
इससे पहले राज्यपाल ने 11 नवंबर को शिवसेना द्वारा सरकार बनाने के लिए जरूरी समर्थन ना जुटा पाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया था. राज्यपाल ने पार्टी को 12 नवंबर की शाम साढ़े आठ बजे तक का वक्त दिया था.
राज्यपाल के इस न्योते पर राष्ट्रवादी पार्टी के नेताओं ने दिए गए वक्त को नाकाफी बताया.