असम: डिटेंशन सेंटर में हिरासत में रखे गए एक व्यक्ति की मौत


man dies in assam kept in detention center

 

असम में अवैध प्रवासियों के लिए बनाए गए डिटेंशन कैंप में हिरासत में रखे गए एक व्यक्ति की तीन जनवरी की देर शाम गोलपाड़ा स्थित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में मौत हो गई. 10 दिन पहले बीमार होने के बाद उस व्यक्ति को अस्पताल मे भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. इसके साथ डिटेंशन कैंप में अबतक हिरासत में रखे गए 29 लोगों की मौत हो चुकी है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक व्यक्ति का नाम दुलाल पॉल था. वह सोनितपुर जिले के अलिसिंगा गांव का रहने वाला था, उसे 28 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अधिकारी ने बताया कि पॉल तेजपुर के डिटेंशन कैंप मे 11 अक्टूबर 2017 से हिरासत में था.

इससे पहले अक्टूबर में डिटेंशन सेंटर में एक 65 वर्ष की मृत्यु हो गई थी. उसके परिवार वालों का कहना था कि व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर था.

वर्तमान में असम में छह डिटेंशन सेंटर हैं. ये डिटेंशन सेंटर असम में मौजूद अलग-अलग जेलों में अस्थाई रूप से तैयार किए गए हैं.

इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को हिरासत में रखा गया है. सातवां डिटेंशन कैंप गोलपाड़ा जिले में निर्माणाधीन है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, असम के फॉरेन ट्रिब्यूनल्स (FTs) ने 28 लोगों को अवैंध प्रवासी घोषित किया था और इन्हें डिटेंशन कैंपों में रखा गया है. जिनकी पिछले तीन सालो में मौत हो गई है.

इससे पहले जुलाई में राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से कहा था कि असम के 6 डिटेंशन कैंपों में कुल 25 लोगों की मौत हो चुकी है.

मंत्री ने बताया कि 6 लोगों की मौत 2018 में हुई और 6 की मौत 2019 के जुलाई माह तक हुई. इससे पहले 4 लोगों की मौत 2016 और एक की मौत 2011 में हुई थी. इन सभी की मौत का कारण इनका बीमार होना बताया गया है. विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार इनमें से केवल दो का पता बांग्लादेश का था, बाकी के लोगों का पता असम का था.

पटवारी ने कहा था, ‘बीमारी के होने कारण, डिटेंशन कैंप में रखे गए अवैध प्रवासियों को अस्पतालों में भर्ती करवाया गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई. किसी भी शव को बांग्लादेश नहीं भेजा गया.’


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