एनआरसी में नाम नहीं होने वाले लोग ‘स्टेट लेस’ नहीं: विदेश मंत्रालय


claim thaUS report on global religious freedom shows bias against Modi: BJPt india is ready to talk with pak is false says external affairs ministry

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि एनआरसी फाइनल लिस्ट को लेकर विदेशी मीडिया में कुछ भ्रामक बातें फैलाई जा रहीं हैं, जो गलत हैं.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं हैं उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा. वे स्टेट लेस नहीं हैं. उन्हें उनके अधिकार वैसे ही मिलेंगे.

रवीश कुमार ने कहा, ”जिन लोगों का नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं है उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा और उन्हें सभी अधिकार मिलते रहेंगे, जब तक कि कानून के तहत सभी विकल्प खत्म नहीं हो जाते हैं. बाहर रखे जाने का मतलब स्टेट लेस (राष्ट्र विहीन) नहीं है.”

उन्होंने कहा कि एनआरसी, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और ऑल असम गण संग्राम परिषद के बीच असम समझौते को लागू करने में मदद करेगा.

रवीश कुमार ने कहा कि असम सरकार ने एनआरसी लिस्‍ट में छूट गए किसी भी व्यक्ति को मुफ्त कानूनी सहायता देने का आश्वासन दिया है, जो कानूनी सहायता लेने में अक्षम हैं. यह लोगों, विशेष रूप से वंचित वर्गों को सक्षम करने के लिए और सर्वोत्तम संभव कानूनी सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए होगा.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रेंडी ने जिनेवा में बयान जारी कर अपनी चिंता जाहिर की.

एनआरसी ने अपनी अंतिम सूची 31 अगस्त को जारी की थी जिसमें 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं. लिस्ट में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं उनके पास विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करने के लिए 120 दिन का समय दिया गया है.


Big News