दुनिया भर के क्रांतिकारियों के प्रेरक लेनिन
दुनिया में पहली बार लेनिन के नेतृत्व में रूस में एक कम्युनिस्ट शासन व्यवस्था की स्थापना हुई थी. उन्होंने 1917 से 1924 तक पहले रूस और फिर सोवियत संघ की सत्ता संभाली. मार्क्सवादी विचारधारा को जमीन पर उतारने के साथ-साथ उन्होंने मार्क्सवादी विचारधारा में कई नए आयाम जोड़े. उनके निधन के बाद मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा के नाम से यह विचारधारा दुनिया भर में पूंजीवाद का विकल्प बनी.
लेनिन के बचपन का नाम व्लादिमीर इलिच उल्यानोव था. उनका जन्म 22 अप्रैल 1870 को वोल्गा नदी के किनारे बसे शहर सिम्ब्रिस्क में हुआ था. वह खाते पीते और पढ़े-लिखे घर से थे. परिवार में उन्हें प्रगतिशील माहौल मिला. उनके बड़े भाई की हत्या क्रांतिकारी संगठन में शामिल रहने की वजह से कर दी गई थी.
वह पढ़ाकू थे. उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय का रुख किया. यहां वह क्रांतिकारी विचारों के संपर्क में आए. इस वजह से उन्हें विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया था. साल 1891 में उन्होंने बाहर से कानून की डिग्री ली. बाद में वह सेंट पीटर्सबर्ग चले गए.
यहां उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होना शुरू किया. रूस की जार शासन ने उन्हें साइबेरिया निर्वासन में भेज दिया. उस समय साइबेरिया निर्वासित क्रांतिकारियों का अड्डा बन चुका था. यहीं उनकी शादी नदेज़्हदा क्रुपस्काया से हुई. साल 1901 में व्लादिमीर इलिच उल्यानोव ने लेनिन नाम अपनाया.
15 साल तक अंतरराष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व करने के बाद वह रशियन सोशल डेमोक्रेटिक वर्कर्स पार्टी के प्रभावशाली नेता बनकर उभरे. वह ‘बोल्शेविक’ धड़े का नेतृत्व कर रहे थे.
1917 में प्रथम विश्व युद्ध खत्म हो चुका था. रूस की राजनीति ने नई करवट ली. 25 अक्टूबर 1917 (रूसी साम्राज्य में जूलियन कैलेंडर के हिसाब से) को रूसी साम्राज्य का अंत हो चुका था. लेनिन के नेतृत्व में बेल्सेविकों को सत्ता मिली.
लेनिन ने आर्थिक विकास की रफ्तार को बनाए रखने के लिए मार्क्सवाद की थ्योरी में कई बदलाव किए. इनमें न्यू इकॉनॉमिकल पॉलिसी (NEP) को इजाजत देना शामिल था.
1918 में उनकी हत्या की कोशिश की गई. इस कोशिश में उन्हें शारीरिक क्षति पहुंची और वह लगातार कमजोर होते गए.
साल 1924 में 24 जनवरी को लेनिन का निधन हुआ. उनके शव को विशेष लेप के साथ सुरक्षित कर रखा गया है. उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया. मॉस्को के रेड स्कवेयर में उनके ‘ममी’ को सुरक्षित रखा गया है. आधुनिक इतिहास में यह पहले ‘ममी’ के उदाहरण हैं. लेनिन आज भी क्रांतिकारियों के प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं.