अब भारतीय टीम में शायद ही नजर आएं ये खिलाड़ी


World Cup: New Zealand and India canceled match due to rain

 

विश्व कप में सेमी फाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद भारत अब अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप को ध्यान में रखकर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ाएगा. माना जा रहा है कि ऐसे में कुछ खिलाड़ियों की टीम से अब छुट्टी तय है.

संभव है कि क्रिकेट प्रशसंक अब महेंद्र सिंह धोनी को टीम में नहीं देख पाएं. हालांकि अब भी उनके प्रशसंक चाहते हैं कि वे खेलना जारी रखें. लता मंगेश्कर ने आज उनसे संन्यास नहीं लेने की भावुक अपील भी की है लेकिन यह खिलाड़ी शायद ही अब टीम मैनेजमेंट की भावी तैयारियों का हिस्सा हो. इसके अलावा अगले साल होने वाले विश्व टी-20 को ध्यान में रखते हुए केदार जाधव और दिनेश कार्तिक जैसे कामचलाऊ विकल्पों को टीम से बाहर किया जा सकता है.

महेंद्र सिंह धोनी ने जब से कप्तानी संभाली थी तब से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के लिए कम से कम दो साल और टी20 के लिए लगभग 18 महीने पहले से टीम तैयार करने की नीति चल रही है.

जाधव और कार्तिक जैसे कामचलाऊ खिलाड़ियों की मौजूदगी वाला भारत का कमजोर मध्यक्रम उपमहाद्वीप के बाहर के हालात में दबाव की स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं था. यह मौजूदा टीम की सबसे बड़ी कमजोरी थी और विश्व कप सेमीफाइनल जैसे नतीजे की आशंका सभी को थी.

रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल का एक साथ बुरा दिन होने का खामियाजा भुगतना पड़ा और इससे भी निराशाजनक यह रहा कि ऐसा सेमी फाइनल मैच में हुआ.चैपियन्स ट्राफी 2017 के फाइनल में हार के बाद भारत की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम के कोर खिलाड़ी चुन लिए गए थे और कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली ने दो कलाई के स्पिनरों पर मैच विजेता के रूप में भरोसा किया था.

कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने विश्व कप में काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया हालांकि द्विपक्षीय सीरीज में इनका प्रदर्शन शानदार रहा है. भारतीय कप्तान कोहली ने स्पष्ट कर दिया है कि आत्मविश्लेषण किया जाएगा. ऐसे में कुछ बदलावों की उम्मीद है लेकिन कोर खिलाड़ियों से संभवत: छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.

इसके अलावा 20 खिलाड़ियों के कोर समूह की पहचान की जाएगी जो अगले साल या इससे बाद 50 और 20 ओवर दोनों प्रारूपों में खेलें. इस समूह में कार्तिक और जाधव को अधिक अहमियत मिलने की संभावना नहीं है.
भविष्य पर नजर डाली जाए तो कोहली, रोहित, राहुल, हार्दिक, जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव और भुवनेश्वर कुमार अगले कुछ वर्षों के दौरान छोटे प्रारूप में कोर खिलाड़ी होंगे. चहल और मोहम्मद शमी भी योजनाओं का हिस्सा होंगे.

पांडे, अय्यर और गिल को हालांकि अगले साल विश्व टी20 से पहले अधिक मौके दिए जाने की जरूरत है. पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को भी नहीं भूलना चाहिए जिन्हें आक्रामक बल्लेबाज माना जाता है. तेज गेंदबाजों नवदीप सैनी, खलील अहमद और दीपक चहर, लेग स्पिनर राहुल चहर और मयंक मार्कंडेय, आलराउंडर कृणाल पंड्या और विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को भी मौके दिए जा सकते हैं.

घरेलू टूर्नामेंटों में काफी सफल नहीं होने के बावजूद भारत ए के कोच राहुल द्रविड़ संजू सैमसन को काफी प्रतिभावान मानते हैं. सैमसन छोटे प्रारूप में पंत को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. उनका विकेटकीपिंग कौशल हालांकि काफी स्तरीय नहीं है.


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