अक्टूबर से जीएसटी रिटर्न की नई प्रणाली होगी लागू


New system of GST return will be applicable from October

 

केन्द्र सरकार नई जीएसटी रिटर्न फाइल की प्रणाली लाने जा रही है.  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दायर करने की नई प्रणाली के तहत व्यापारियों को कई तरह के प्रारूप के बजाय अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा.

जीएसटी परिषद ने इस नए फार्मेट के तहत रिटर्न भरने को एक अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय लिया है.

नई प्रणाली को अमल में लाने की समय सीमा छोटे करदाताओं के लिये एक जनवरी 2020 तथा पांच करोड़ रुपये से अधिक कर देने वाले बड़े करदाताओं के लिये एक अक्टूबर 2019 है. नई प्रणाली के तहत रिटर्न भरने का नमूना एक जुलाई से उपलब्ध हो जाएगा.

नई प्रणाली के तहत फॉर्म सहज और सुगम को व्यापारियों के विभिन्न वर्ग के लिए विकसित किया गया है.

पहले रिटर्न के तीन फॉर्मेट थे और एक व्यापारी को महीने में 36 रिटर्न भरने होते थे. इसके अलावा अन्य रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट भी होते थे. नई प्रणाली में महीने में सिर्फ एक बार रिटर्न भरना होगा.

बड़े करदाताओं को साल में 12 रिटर्न भरना होगा जबकि छोटे करदाताओं को साल में सिर्फ चार रिटर्न भरने होंगे.

कंपनियों को एक ही स्रोत से रिफंड मिलेगा और पूरी तरह से ऑनलाइन रिफंड सितंबर 2019 तक कर लिया जाएगा.

कर चोरी रोकने के बारे में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इसके लिये ई-वे बिल में नए फीचर जोड़े जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ई-इनवॉयसिंग के जरिये ई-वे बिल तैयार होगा और स्वत: रिटर्न दायर हो जाएगा. यह कर चोरी को रोकने के लिये महत्वपूर्ण जरिया बनेगा.’’

उन्होंने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण कदम वाहनों को रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन दिया जाना है. यह तय स्थानों पर सेंसरों के जरिये सूचनाएं जमा करेगा. यह स्वत: अधिकारियों को बता देगा कि ई-वे बिल निकाला गया है नहीं.

मोदी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन सेंसरों को परिचालित करेगा.

उन्होंने फर्जी ई-वे बिल के बारे में कहा कि कम्प्यूटरीकृत जीएसटी प्रणाली ने हाल ही में देश में इपनुट टैक्स क्रेडिट को लेकर बड़े स्तर पर की जा रही धोखाधड़ी को पकड़ा है. उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियां, जो है ही नहीं, फर्जी बिलों के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर रही थीं.

मोदी ने कहा कि 2017-18 में जीएसटी का कुल संग्रह 7.40 लाख करोड़ रुपये रहा. हालांकि इस दौरान जीएसटी महज नौ महीने ही अमल में रहा. इसके बाद 2018-19 में जीएसटी संग्रह 11.77 लाख करोड़ रुपये रहा.

उन्होंने कहा, ‘‘यह जीएसटी के महज दो साल ही है और मैं आपको कह सकता हूं कि संग्रह उत्साहवर्धक रहा है.’’


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