वित्त मंत्री ने की दस बैंको के विलय की घोषणा, चार नए बैंक आएंगे सामने


nirmala sitharaman announces merger of ten banks

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कुल दस बैंकों के विलय की घोषणा की है. इनके विलय के बाद चार नए बैंक सामने आएंगे.

इन दस बैंकों में पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक, केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं.

पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का एक बैंक में विलय होगा. ये तीनों बैंक विलय के बाद 17.95 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक के रूप में सामने आएंगे. विलय के बाद इनकी 11,437 शाखाएं होंगी.

वहीं यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का आपस में विलय होगा. वित्त मंत्री ने बताया कि ये तीनों बैंक मिलकर अब पांचवें सबसे बड़े बैंक के रूप में सामने आएंगे.

इसके अलावा केनरा बैंक और सिंडिकेट के विलय का एलान वित्त मंत्री ने किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये दोनों बैंक 15.20 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ देश के चौथे बड़े बैंक के रूप में सामने आएंगे.

वहीं इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी विलय होगा. वित्त मंत्री ने कहा है कि विलय के बाद 8.08 लाख करोड़ रुपये के व्यापार के साथ ये सातवें सबसे बड़े बैंक होंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप बने रहेंगे.

इससे पहले पिछले साल सितंबर में देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के विलय का एलान किया गया था.

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इस घोषणा के बाद देश में अब 27 की जगह 12 सार्वजनिक बैंक ही होंगे. उन्होंने कहा कि बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार का कोई दखल नहीं है.

वित्त मंत्री ने बैंको के विलय से इतर भी कुछ घोषणाएं कीं. वित्त मंत्री ने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू करते हुए 3,300 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दिया गया है और 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है.

वित्त मंत्री ने बताया कि नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है.

उन्होंने यह भी बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया है. उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार से लाभ दिखने लगा है क्योंकि 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है.


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