लीथियम ऑयन बैटरी के लिए तीन वैज्ञानिकों को केमिस्ट्री का नोबेल
इस साल के रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के लिए अमेरिका के जॉन बी गूडनॉफ, ब्रिटेन के एम स्टेनले व्हिटिंघम और जापान के अकीरा योशिनो को संयुक्त रूप से चुना गया है. तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार संयुक्त रूप से लीथियम ऑयन बैटरी को विकसित करने के लिए मिलेगा. द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ सांइंसेस के महासचिव गोरन के हैन्सन ने इसकी घोषणा की.
पुरस्कार की घोषणा करते हुए स्वीडिश एकेडमी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “इलेक्ट्रिक गाड़ियों और मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप तक में लीथियम ऑयन बैटरी का इस्तेमाल होता है. इसने हमारे जीवन के बहुत तेजी से बदला है. यह एक तरह की क्रांति है. रसायन विज्ञान के इन पुरस्कृत वैज्ञानिकों ने अपने काम से वायरलेस और जीवाश्म-ईंधन मुक्त समाज की बुनियाद रखी है.”
नोबेल समिति ने कहा कि लीथियम ऑयन बैटरी की जड़ें 1970 के तेल संकट से जुड़ी हैं, जब व्हिटिंघम जीवाश्म ईंधन मुक्त ऊर्जा के स्रोतों तकनीक को विकसित करने का प्रयास कर रहे थे.
इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक, एक डिप्लोमा और करीब 90 लाख स्वीडिश क्रोनर (नौ लाख 14 हजार अमेरिकी डालर) दिया जाएगा.