ओलंपिक 2020 का जापान में हो रहा है विरोध
साल 2020 में होने वाले ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खेलों का जापान में विरोध हो रहा है. विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस आयोजन की वजह से कई लोगों की जिंदगी और उनके कारोबर पर बुरा असर पड़ेगा. खेल विरोधी संगठनों से जुड़े जापानी कार्यकर्ताओं के समूह ‘हेंगोरियन नो कई’ और ‘नो ओलंपिक एलए’ ने जापान के संवाददाता क्लब में रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि आयोजन से सिर्फ कुछ अभिजात्य वर्ग के लोगों को फायदा मिलने वाला है, जिनका संबंध राजनीति, आर्थिक और मीडिया जगत से है.
इसके साथ ही 25 से ज्यादा समूहों के गठबंधन ने कैलिफॉर्निया में होने वाले 2028 के ओलंपिक खेलों का विरोध किया है.
‘हेंगोरियन नो कई’ ने अपने बयान में कहा है कि टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन खतरनाक गर्मी के महीने के बीच में होने वाला है जिसकी वजह से एथलीट, दर्शक और स्वयं सेवकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा.
इस आयोजन की वजह से जन परिवहन बाधित रहेगा और लोगों का विस्थापन किया जाएगा जो कि मानवाधिकारों का उल्लंघन है.
नो ओलंपिक एलए के सदस्य एनी ऑर्चियर ने कहा कि ओलंपिक की वजह से शहरों की समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है. हमारे शहरों में ऐसी कई समस्याएं हैं जिनपर ओलंपिक से ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सुधार के बावजूद ओलंपिक सभी जगहों पर विफल साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि कई शहरों के लोग एक साथ आकर ओलंपिक के आयोजन को नहीं कह रहे हैं. हमारे लिए भी ओलंपिक खेलों को ना कहना ही सबसे यथार्थवादी योजना है.
पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी जूल्स बॉयकॉफ ने कहा कि गरीब और कामगार कभी नहीं कह रहे हैं कि यहां पर खेल के आयोजन होने से उन्हें फायदा मिलने वाला है.
बॉयकॉफ ने कहा कि ओलंपिक हमेशा से अनुमान से ज्यादा खर्चीला रहा है और इसकी वजह से लोगों का विस्थापन और पुलिस का सैन्यकरण होता रहा है.